विजयता ने अपनी बात को साबित करने के लिए इस रिपोर्ट में वरिष्ठ सरकारी सूत्रों का हवाला दिया। लेकिन उन्होंने इस रिपोर्ट में किसी अधिकारी का नाम नहीं बताया। उन्होंने बस हवा में दावा कर दिया कि सुरक्षाबलों ने 36 लोगों को प्रदर्शन के दौरान घायल किया।
श्रीनगर के जिलाधिकारी शाहिद चौधरी ने विदेशी मीडिया के तमाम प्रोपेगेंडा का खंडन करते हुए कहा कि वो आधिकारिक और व्यक्तिगत तौर पर सभी को आश्वस्त करना चाहते हैं कि कश्मीर में कोई स्वास्थ्य सेवा संकट नहीं है। 94 फीसदी डॉक्टर फिलहाल ड्यूटी पर हैं।
65 वर्षीय गुलाम मोहम्मद जब रात में अपनी दुकान बंद कर रहे थे, तभी कुछ लोग मोटरसाइकिल पर आए और उन पर ताबड़तोड़ गोलियाँ चला दी। उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
राज्य के एडवोकेट डीसी रैना ने कोर्ट को इस इस बात से अवगत कराया था कि साफ़िया ख़ान को न तो किसी हिरासत में रखा गया है और न ही उन्हें नज़रबंद किया गया है। घाटी में जान-माल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ नितांत आवश्यक प्रतिबंध लगाए गए हैं।
"राहुल गाँधी परिपक्व नेता की तरह व्यवहार नहीं कर रहे हैं। जब उनके नेता संसद में कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बता रहे थे, तब राहुल को जिम्मेदार नेता की तरह उन्हें रोकना चाहिए था और कहना चाहिए था कि कश्मीर पर कॉन्ग्रेस की राय वही है जो पूरे देश की है।"
सत्यपाल मलिक ने कहा कि आने वाले 2-3 महीने में 50 हजार नौकरियाँ देंगे। इसके साथ ही हालात सामान्य होने के चलते संचार व्यवस्था के लिए कुपवाड़ा और हंदवाड़ा जिलों में मोबाइल फोन सेवा बहाल की जा रही है।
पाकिस्तान सेना लगातार उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा के पास संघर्ष विराम का उल्लंघन करने का प्रयास कर रही है। जिसका उसे भारतीय सेना से मुँहतोड़ मिल रहा है। उसने अपनी इन्हीं घटिया हरकतों के चलते मंगलवार को सुंदरबनी सेक्टर के रिहायशी इलाकों में गोलीबारी भी की थी।
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में 14 याचिकाएँ दायर हुई हैं। जिसमें एडवोकेट एमएल शर्मा, पूर्व आईएस अधिकारी शाह फैसल, जेएनयू की पूर्व छात्रा शेहला रशीद और राधा कुमार की याचिका भी शामिल है।
लोगों ने थरूर से पूछा कि अब तो राहुल गाँधी कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष भी नहीं रहे, तो फिर वे 'मालिक' कैसे हुए? लोगों ने कहा कि जो डैमेज होना था वह हो चुका, अब इन बयानों का कोई फ़ायदा नहीं।