Monday, December 23, 2024

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जामिया मिल्लिया इस्लामिया

शरजील ने कबूली हिंसा भड़काने की बात, चार्जशीट हुई फाइल: ‘कन्हैया परमिशन’ में फिर उलझाएँगे केजरीवाल?

CAA के नाम पर दिल्ली जामिया नगर इलाके में पिछले वर्ष 15 दिसंबर को हुई हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने जाँच के बाद और शरजील इमाम के कबूलनामे के बाद कोर्ट में चार्जशीट दायर की है। इस चार्जशीट में 100 गवाहों के बयानों और CCTV फुटेजों को भी शामिल किया गया है।

जामिया के PhD दंगाई के हाथ में वॉलेट नहीं पत्थर ही था: AltNews के झूठ की पोल खोलता Video

प्रोपेगेंडा पोर्टल 'ऑल्टन्यूज़' ने दावा किया था कि विडियो में दिख रहे छात्र के हाथ में पत्थर नहीं, वॉलेट है। नए विडियो ने उसे फिर से झूठा साबित किया है। इस विडियो में अन्य छात्रों के हाथ में भी पत्थर दिख रहे हैं।

जामिया विडियो: वामपंथियों की ऐसे लीजिए कि वो ‘दुखवा मैं का से कहूँ’ मोड में आ जाएँ

यहाँ डिफेंड मत कीजिए, सवाल पूछिए और बार-बार पूछिए कि वो कहाँ से आए थे? सवाल पूछिए कि जब उसके हाथ में वॉलेट था तो उसने सारे सोशल मीडिया अकाउंट डीएक्टिवेट क्यों कर लिए? सवाल पूछिए कि पत्थर क्या आसमान से गिरे थे पुलिस पर?

पुलिस पर हमला बर्दाश्त नहीं, हर बात पर विरोध से कब्रगाह बन जाएगा राज्य: जब रजनी ने मीडिया को डपटा

"पुलिसकर्मियों पर हमले किए जाने को कभी सही नहीं ठहराया जा सकता है। वर्दी में ड्यूटी पर लगे पुलिसवालों पर हमले करने के पक्ष में मैं कोई भी तर्क बर्दाश्त नहीं करूँगा। मैं तो कहता हूँ कि इसके बचाव में कोई तर्क हो ही नहीं सकता।"

पुलिस ने मेरी दोनों टाँगें तोड़ डाली, ₹2Cr मुआवजा दो: HC पहुँचा जामिया का छात्र शय्यान मुजीब

मुजीब ने दावा किया है कि वो लाइब्रेरी में बैठ कर पढ़ाई कर रहा था, तभी पुलिस ने उसकी पिटाई की। उसकी दोनों टाँगें टूट गई। इलाज पर 2.5 लाख रुपए खर्च हुए हैं। उसकी याचिका पर कोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है।

हाथों में पत्थर लिए जामिया PhD छात्र ने कटाए बाल, दाढ़ी, डिलीट किए अकाउंट: सोशल मीडिया पर वायरल

जामिया हिंसा के विडियो में से एक चेहरा पहचान (सूत्रों के अनुसार) लिया गया है। जिस शख्स का चेहरा वायरल हुआ है, उसका नाम मो. अशरफ भट है। यह जामिया में PhD का स्टूटेंड है। लेकिन फिलहाल गायब है। ऑनलाइन-ऑफलाइन, कहीं भी इसकी कोई जानकारी नहीं है।

जामिया का हर वीडियो, हर एंगल: लाइब्रेरी में कब, क्या और कैसे हुआ, साथ में लिबरल गिरोह की नंगई भी

पहले एडिटेड वीडियो के जरिए दिल्ली पुलिस को बदनाम करने और दंगाइयों को पाक-साफ बताने की कोशिश की गई। हालॉंकि समय बीतने के साथ पूरी तस्वीर पलट गई और लिबरलों के प्रपंच का किला रेत की महल के माफिक ढह गया।

रवीश कुमार नहीं समझ पा रहे जामिया की लाइब्रेरी में क्यों भागे ‘छात्र’: बताने की कृपा करें

रवीश समेत कुछ लोगों का कहना है कि पुलिस डंडे क्यों मार रही है? भाई, हाथ में पत्थर ले कर घूमने वाले और बसों में आग लगाने वाले छात्र नहीं, फसादी होते हैं। उनसे अपराधियों की तरह ही निपटना चाहिए।

हाथ में पत्थर लेकर जामिया की लाइब्रेरी में कौन सी पढ़ाई करने जा रहे ‘छात्र’: नए Video से पलटी पूरी तस्वीर

हाथ में पत्थर लेकर और चेहरे पर नकाब बाँध कर लाइब्रेरी में कौन सी पढ़ाई की जाती है, ये जामिया के उपद्रवी ही बता पाएँगे। वीडियो में कुछ उपद्रवियों को पत्थर लेकर लाइब्रेरी में घुसते हुए देखा जा सकता है। ये वो दंगाई हैं, जो 15 दिसंबर को पुलिस से बचने के लिए यहाँ छिपे थे।

हमने नहीं जारी किया कोई Video : एडिटेड वीडियो पर जामिया प्रशासन

एडिटेड वीडियो को गिरोह विशेष ने वायरल किया। तथाकथित लिबरल पत्रकारों ने इस वीडियो के सहारे न सिर्फ़ दिल्ली पुलिस को क्रूर और अत्याचारी साबित करने का झूठा प्रयास किया, बल्कि जामिया नगर के दंगाइयों को भी पाक-साफ़ बताने की कोशिश की।

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