लोगों का आरोप है कि इस कुकृत्य को AISA और SFI के गुंडों ने अंजाम दिया है। सोशल मीडिया पर यूजर्स की माँग है कि देश में अब विभाजनकारी मानसिकता को खत्म किया जाना चाहिए।
आज JNU में एक मार्ग का नाम सावरकर जी के नाम पर रखा जाना निसंदेह एक दूरदर्शितापूर्ण कदम है। यह कदम उस स्थान पर अत्यावश्यक हो जाता है, जहाँ बैठकर स्वतन्त्रता उपरांत एक खास इतिहासकारों के वर्ग ने भारतीय मूल्यों को धूलि-धूसरित करने का कार्य करते हुए इतिहास की मनगंढ़त व्याख्या हमारे समक्ष रखी।
“ये जेएनयू की विरासत के लिए शर्म की बात है कि इस आदमी का नाम इस विश्वविद्यालय में रखा गया है। सावरकर और उनके लोगों के लिए विश्वविद्यालय के पास न कभी जगह थी और न ही कभी होगी।”
पूतना और होलिका को खलनायिका से नायिका बनाने की कोशिश बाल-हत्या के महिमामंडन की कोशिश है। उसे ब्राह्मणवाद के विरोध के नाम पर ढका नहीं जा सकता। ब्राह्मण तो वे दधीचि थे, जिन्होंने वृत्रासुर को मारने के लिए अपनी अस्थियाँ दे दीं, वज्र का निर्माण करने वास्ते।
धुर वामपंथी संगठनों के प्रभाव वाले छात्र संघ ने पोस्टर जारी कर कहा था, “हमारा कैंपस/JNUSU ऑफिस उन सभी लोगों के लिए खुला है, जिन्हें आश्रय की जरूरत है।” पोस्टर में 4 लोगों के नाम और नंबर भी थे। ये नाम हैं- आइशी घोष, साकेत मून, सतीश चंद्र और दानिश।
देशद्रोह के मामले में अभियोग चलाने के लिए सीआरपीसी की धारा 196 के तहत दिल्ली सरकार की मॅंजूरी जरूरी है। बिना इसके कोर्ट दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकती।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने बताया कि मामला चलाने के लिए अभी तक राज्य सरकार ने मॅंजूरी नहीं दी है। इसके बाद अदालत ने दिल्ली पुलिस को राज्य सरकार को रिमाइंडर भेजने के निर्देश दिए।
“टोटल कन्फ्यूजन! पी चिदंबरम चाहते हैं कि NPR का विरोध हो। इसके लिए उन्होंने जेएनयू के छात्रों को कुछ टिप्स दिए हैं। वहीं, महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने एक मई से 15 जून के बीच NPR कराने का ऐलान किया है। महाराष्ट्र की सत्ता में कॉन्ग्रेस पार्टी शिवसेना की साझेदार है। क्या दिल्ली में कॉन्ग्रेस नेतृत्व को इसकी जानकारी है?”
CPIM नेता कन्हैया कुमार के काफिले पर हमला किया गया है। इस हमले में कन्हैया और उनके ड्राइवर घायल हो गए हैं। यह हमला बिहार के सुपौल में हुआ है। बताया जा रहा है कि कुछ अज्ञात लोगों ने उनके काफिले पर पथराव किया है।
राजद्रोह के केस होने के बाद दो दिन से बिहार में छापेमारी करने पहुँचे पाँच सदस्यों के पुलिस दल को यह बात पता चली की शरजील अपनी प्रेमिका के संपर्क में है। जिसके बाद पुलिस ने शरजील की प्रेमिका से संपर्क किया और उसकी मदद से शरजील इमाम गिरफ्तार हो पाया।