भाजपा नेता मागो मुंडा के घर में घुसकर उनकी, उनकी पत्नी और उनके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना के दौरान मृतक मागो मुंडा के भतीजे रमाय मुंडा की पत्नी नौरी देवी को भी कमर में गोली लगी, जिसके कारण...
पूर्व आईपीएस अधिकारी अजय कुमार जुलाई 2011 में जेवीएम के टिकट पर मध्यावधि चुनाव में 15 वीं लोकसभा के सदस्य चुने गए थे। अगस्त 2014 में वे कॉन्ग्रेस में शामिल हुए और नवंबर 2017 में उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।
इससे पहले भी महतो को गिरफ़्तार किया जा चुका है। महतो और उसकी पत्नी सुनीता कुमारी को अक्टूबर 2014 में नई दिल्ली के शकूरपुर इलाक़े से मानव तस्करी के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था, जब वे किसी अज्ञात स्थान पर भागने के लिए अपना सामान इकट्ठा करने के लिए वहाँ गए थे।
शमशेर ने FIR में कहीं भी उसे धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर करने की बात नहीं कही है, लेकिन कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि यह प्रकरण धार्मिक नारे लगवाने से सम्बंधित है। ऐसे लोगों की तलाश की जा रही है।
ऋचा भारती उर्फ़ ऋचा पटेल के ख़िलाफ़ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में अबु आजमी वसीम खान के ख़िलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। फिलहाल अबु आजमी वसीम खान फरार है और पुलिस ने उसकी धड़-पकड़ की कोशिशें तेज कर दी हैं।
"एक अधिवक्ता काला कोट पहनने के बाद हिन्दू और मुस्लिम नहीं होता है। हिन्दू ही नहीं बल्कि कई मुस्लिम अधिवक्ताओं तक ने 'कुरान बाँटने' के इस फैसले पर आश्चर्य व्यक्त किया है और कहा कि इस प्रकार की शर्त कोई न्यायालय कैसे रख सकता है?"
हो सकता है अंजुमन इस्लामिया वालों को ‘फक योर सिस्टर’ का या ‘तेरी माँ मेरी रखैल’ आदि का मतलब मालूम न हो, लेकिन कोर्ट के जजों को तो ज़रूर पता होगा कि इन शब्दों से एक लड़की की ‘मोडेस्टी आउटरेज’ होती है। और यह क़ानूनन जुर्म है।
ऋचा ने कहा, "आज कुरान बाँटने का आदेश दिया गया है, कल को इस्लाम स्वीकार करने या नमाज पढ़ने का आदेश देंगे तो वह कैसे स्वीकार किया जा सकता है। क्या किसी समुदाय विशेष वाले को सजा के तौर पर दुर्गा पाठ करने या हनुमान चालीसा पढ़ने का आदेश कोर्ट ने सुनाया है?"
लड़की पर एकतरफा कार्रवाई के विरोध में VHP, RSS, बजरंग दल आदि के लोगों का कहना है कि अगर जिस धर्म को लेकर लड़की ने टिप्पणी की है, तो उसी धर्म के लोगों ने प्रतिक्रिया में लड़की के धर्म को लेकर भी बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की है। ऐसे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले संप्रदाय-विशेष के लोग बाहर क्यों हैं?