क्विंट ने इस वीडियो में दिल्ली सरकार का डैशबोर्ड दिखाया था जिसका श्रीनिवास इस्तेमाल कर रहे थे। यह वही डैशबोर्ड है जिसकी कुछ दिन पहले बेड उपलब्धता के बारे में गलत जानकारी देने के लिए आलोचना हुई थी।
लादेन को एक 'पिता-पति' बताने वाले 'दी क्विंट' को स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन पर यह बताने की सबसे ज्यादा जरूरत महसूस हुई कि वह एक ‘सिगार पीने वाले सन्यासी’ थे।
कपिल मिश्रा ने 'द क्विंट' की एक ऐसी ही अपील के स्क्रीनशॉट ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि किस प्रकार 'द क्विंट' भारत के लोगों को उकसाकर उन्हें सड़कों पर उतर आने की अपील कर रहा है।
हरियाणा में समुदाय विशेष के कुछ लोगों का स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपनाना भी लिबरल मीडिया गिरोह को रास नहीं आया। लेख लिखकर उसमें अरब देशों का एंगल घुसाया...