Thursday, April 25, 2024
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द क्विंट ने कोरोना महामारी में यूथ कॉन्ग्रेस के वीडियो के बहाने किया राहुल गाँधी का महिमामंडन, RSS-सेवा भारती को नजरअंदाज

'कैसे IYC के श्रीनिवास बीवी और उनकी टीम ने परेशान कोविड-19 मरीजों की मदद की' शीर्षक वाली रिपोर्ट में द क्विंट ने यह दिखाने की कोशिश की जैसे श्रीनिवास की टीम के अलावा और कोई भी कोविड मरीजों की मदद के लिए जमीनी स्तर पर काम नहीं कर रहा है।

कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने रविवार को सोशल मीडिया में अपने साथी कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं से चाइनीज कोरोना वायरस महामारी के दौरान सामने आने और लोगों की मदद करने का आह्वान किया।

राहुल गाँधी ने अपनी इस सोशल मीडिया पोस्ट में चाइनीज कोरोना वायरस महामारी का जिक्र किए बिना दावा किया कि देश को जिम्मेदार नागरिकों की जरूरत है। उन्होंने कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं से ‘देशवासियों के दर्द को कम’ करने की अपील की। उन्होंने दावा किया कि यह ‘कॉन्ग्रेस परिवार का धर्म’ है।

संयोग से, वायनाड से कॉन्ग्रेसी सासंद का यह उपदेश ‘निष्पक्ष प्लेटफॉर्म’ द क्विंट के द्वारा इंडियन यूथ कॉन्ग्रेस को प्रमोट करने वाले वीडियो के पब्लिश करने के एक दिन बाद आया है।

हाल ही में प्रकाशित ‘कैसे IYC के श्रीनिवास बीवी और उनकी टीम ने परेशान कोविड-19 मरीजों की मदद की’ शीर्षक वाली रिपोर्ट में द क्विंट ने यह दिखाने की कोशिश की जैसे श्रीनिवास की टीम के अलावा और कोई भी कोविड मरीजों की मदद के लिए जमीनी स्तर पर काम नहीं कर रहा है।

द क्विंट के वीडियो का स्क्रीनशॉट

इस वीडियो रिपोर्ट में द क्विंट ने दिखाया कि कैसे श्रीनिवास की 10 सदस्यीय टीम पूरे देश में कोविड-19 मरीजों को बेड, ऑक्सीजन, दवाएँ और अन्य जरूरी सामान मुहैया कराने के लिए दिन-रात काम कर रही है। श्रीनिवास ने द क्विंट को बताया कि वे बेड की उपलब्धता को जानने के लिए राज्य सरकार के डैशबोर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं और फिर उस जानकारी के अनुसार उसे मरीजों को उपलब्ध कराने के लिए उनसे संपर्क कर रहे हैं।

कॉन्ग्रेस का राजनीतिक स्टंट?

ध्यान देने वाली बात यह है कि क्विंट ने इस वीडियो में दिल्ली सरकार का डैशबोर्ड दिखाया था जिसका श्रीनिवास इस्तेमाल कर रहे थे। यह वही डैशबोर्ड है जिसकी कुछ दिन पहले बेड उपलब्धता के बारे में गलत जानकारी देने के लिए आलोचना हुई थी।

हालाँकि, श्रीनिवास ने अपने इंटरव्यू में किसी भी राजनीतिक सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया लेकिन उन्होंने दावा किया कि वह महामारी के दौरान राजनीति के बजाय केवल मदद करना चाहते थे, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर स्थिति अलग है।

यूथ कॉन्ग्रेस के राष्ट्रीय सचिव बंटी शेल्के ने क्विंट के वीडियो को कोट किया और कोविड-19 मैनेजमेंट को लेकर भारत सरकार का मजाक उड़ाया। उन्होंने कोविड-19 की स्थिति से निपटने के मामले में श्रीनिवास की 10 सदस्यीय टीम की तुलना केंद्र सरकार की 10 सदस्यीय टीम से की और कहा, ”नरेंद्र मोदी को उनसे (श्रीनिवास) और कॉन्ग्रेस से सीखना चाहिए की संकट से कैसे निपटते हैं।”

शेल्के इस बात का जिक्र करना भूल गए कि कॉन्ग्रेस शासित राज्यों जैसे कि छत्तीसगढ़, राजस्थान और महाराष्ट्र (महा विकास अघाडी सरकार) कोविड-19 मैनेजमेंट के मामले में कितना खराब काम कर रहे हैं। जहाँ राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री सलमान के बॉडीगार्ड शेरा के साथ फोटो खिंचवाने में व्यस्त हैं तो वहीं महाराष्ट्र देश में कोविड-19 के नए मामले बढ़ाने के मामले में नंबर एक पर है।

सोशल मीडिया पर शेल्के की इस पोस्ट के बाद कुछ अन्य लोग भी केंद्र सरकार और आरएसएस का मजाक उड़ाने लगे।

BJYM, AVBP और सेवा भारती के कामों को किया द क्विंट ने नजरअंदाज :

द क्विंट ने BJYM, AVBP और कई अन्य संस्थाओं, जिनमें आरएसएस और सेवा भारती भी शामिल हैं, को नजरअंदाज कर दिया जो जरूरतमंदों की मदद को आगे आए। सेवा भारती की दिल्ली शाखा के पास डॉक्टर काउंसलिंग, भोजन सहायता, ब्लड प्लाज्मा और अन्य चीजें मुहैया कराने के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन है। वे कोविड पॉजिटिव और क्वारंटाइन परिवारों को मुफ्त भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं।

सेवा भारती के वॉलंटियर्स पाकिस्तान से आए हिंदू शरणार्थियों को सहायता प्रदान करने के लिए नियमित तौर पर मजनू का टीला जाते रहते हैं।

आरएसएस और बजरंग दल के वॉलंटियर्स कोविड मरीजों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं, खासतौर पर तब जब या तो पूरा परिवार कोविड पॉजिटिव है या फिर परिवार को बीमारी से संक्रमित होने का डर है।

आरएसएस ने हाल ही में गोरखपुर में एक 50 बेड वाला आइसोलेशन सेंटर खोला है। कई बीजेपी नेता जिनमें कपिल मिश्रा, तजिंदर बग्गा, तेजस्वी सूर्या और कई अन्य शामिल हैं, कोविड मरीजों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं।

भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या कोविड मरीजों और उनके परिजनों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए BJYM के देश भर के सदस्यों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय स्थापित कर रहे हैं।

क्या निष्पक्ष है द क्विंट :  

यह पहली बार नहीं है जब द क्विंट ने अपनी राजनीतिक विचारधारा के दूसरे पक्ष को बिल्कुल ही नजरअंदाज करते हुए एकदम पक्षपाती रिपोर्ट प्रकाशित की है। मार्च 2021 में द क्विंट ने एबीवीपी नेता शिवांगी खरवाल को गलत साबित करने के लिए एडिट की गई ऑडियो क्लिप प्रकाशित की। उसी महीने में, इस पब्लिकेशन ने आतंकवादी के साथ हमदर्दी दिखाते हुए निकिता तोमर के परिजनों के खिलाफ प्रोपेगंडा चलाया, क्योंकि कातिल एक मुस्लिम था।

द क्विंट की पैरेंट कंपनी, क्विंटिलियन मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने न्यूयॉर्क स्थित ब्लूमबर्ग एलपी के साथ डिजिटल प्रॉडक्ट-ब्लूमबर्ग क्विंट लॉन्च करने के लिए अप्रैल 2016 में एक साझा उपक्रम करार पर हस्ताक्षर किया था। ब्लूमबर्ग एलपी का मालिकाना हक माइकल ब्लूमबर्ग के पास है, जो डेमोक्रेट पार्टी से नॉमिनी बनने के लिए लड़ रहे उम्मीदवारों में से एक थे।

द क्विंट ने हाल ही में अपने पाठकों को भारत में अमेरिका जैसे दंगे करने के लिए उकसाया था। हाल ही में राहुल गाँधी ने भारत के आंतरिक मामलों में अमेरिका से ऐसे समय में हस्तक्षेप की माँग की थी, जब डेमोक्रेट्स का यूएस हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव, सीनेट के साथ ही वाइट हाउस पर भी नियंत्रण है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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