Friday, November 22, 2024

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धर्म

एयरपोर्ट पर सिख पायलट की पगड़ी उतरवाई, बिफरे अकाली विधायक ने कहा- दखल दे मोदी सरकार

गुजराल जब एयरपोर्ट के मेटल डिटेक्टर से गुजर कर निकले, तो कोई अलार्म नहीं बजा। यानी, उनके शरीर पर या पगड़ी में किसी सुरक्षा उपकरण ने कोई खतरनाक या संवेदनशील चीज़ नहीं थी। इसके बावजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पगड़ी उतारने के लिए कहा।

बैरंग घर लौटेंगी तृप्ति देसाई, अय्यप्पा स्वामी को चुनौती देने की अकड़ साल भर में दूसरी बार हवा

“चाहे मुझे सुरक्षा मिले या न मिले, हम आज मंदिर जाएँगे।” कोच्चि पहुँचने पर तृप्ति देसाई ने यही कहा था, लेकिन उनका मंसूबा अय्यप्पा भक्तों ने पूरा नहीं होने दिया। अब तृप्ति का कहना है कि पुलिस उन्हें सुरक्षा नहीं दे रही है इसलिए...

हिन्दू धर्मांतरण क्यों नहीं करते? कलमा क्यों नहीं पढ़ लेते? क्योंकि वो काल को जीतने वाले राम के उपासक हैं

अपने अंतर्मन में हर हिन्दू यह बात जानता था कि श्री राम व राम का नाम हिन्दू धर्म की आत्मा है। राम गए तो हिन्दू धर्म नहीं बचेगा। वह आस्था, वह श्रद्धा जो हमारे रक्त और हमारी हड्डियों में समाई हुई है। राम का ‘तत्व’ ही वह शाश्वत धारा है जिसने हिन्दू समाज को विषम-से-विषम परिस्थिति में भी स्पंदित व जीवित रखा है, तथा सदैव रखेगी।

छठ पर्व के चार दिन: क्यों होता है छठ, कैसे होती है पूजा, क्या हैं इसके मायने; सब विस्तार से

सूर्य की शक्तियों का मुख्य श्रोत उनकी पत्नी ऊषा और प्रत्यूषा हैं। छठ में सूर्य के साथ-साथ दोनों शक्तियों की संयुक्त आराधना होती है। प्रात:काल में सूर्य की पहली किरण (ऊषा) और सायंकाल में सूर्य की अंतिम किरण (प्रत्यूषा) को अर्घ्य देकर दोनों का नमन किया जाता है।

हत्या के गुनहगार अकील पठान ने गीता पढ़ने की जताई इच्छा, ग्वालियर के केंद्रीय कारागार में है कैद

"जो देश के संविधान के ख़िलाफ़ जाता है, वो जेल में जाता है। इसी तरह जो आध्यात्म के संविधान का उल्लंघन करता है, वो जीवन चक्र में फँस जाता है। गीता को मानव जीवन के संविधान के रूप में स्वीकार करना चाहिए।"

शक्ति का प्रत्युत्तर शक्ति से ही देना होगा, तभी म्लेच्छ शक्तियों की पराजय निश्चित होगी

हाँ, हमें मौलिक आराधना करनी होगी, शक्ति का प्रत्युत्तर शक्ति से ही देना होगा, शिव और शक्ति को एक साथ साधना ही होगा, तभी इन म्लेच्छ शक्तियों की पराजय निश्चित होगी। जब तक सिद्धि न हो, समर को टाल कर सिद्धि करनी होगी…

जब रावण ने पत्थर पर लिटा कर अपनी बहू का ही बलात्कार किया… वो श्राप जो हमेशा उसके साथ रहा

जानिए वाल्मीकि रामायण की उस कहानी के बारे में, जो 'रावण ने सीता को छुआ तक नहीं' वाले नैरेटिव को ध्वस्त करती है। रावण विद्वान था, संगीत का ज्ञानी था और शिवभक्त था। लेकिन, उसने स्त्रियों को कभी सम्मान नहीं दिया और उन्हें उपभोग की वस्तु समझा।

साल भर बाद भी सबरीमाला के सवाल बरकरार, आस्था को भौतिकतावादी समाजशास्त्र से बचाने की ज़रूरत

आस्था नितांत निजी विषय है। सार्वजनिक जीवन और समाज जिस तर्क और भौतिक नियम से चालित होते हैं, उनसे आस्था समेत निजी विषयों के नियम-कानून नहीं बन सकते। नियम सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए होते हैं जो समाज और सार्वजनिक क्षेत्र में लागू होते हैं।

‘स्त्री की मर्यादा कैसे रखी जाती है, रामायण में वर्णन हैं, स्त्री की मर्यादा के लिए युद्ध उचित है तो होना चाहिए’

"रामायण में कई ऐसे काव्य हैं जो ज्ञान-विज्ञान, सुशासन सबका वर्णन करते हैं। स्त्री की मर्यादा कैसे रखी जाती है उसका रामायण में वर्णन है। स्त्री की मर्यादा के लिए युद्ध उचित है तो होना चाहिए।"

जिसने घर-घर तक गीता पहुँचाया, धर्म की सेवा ‘घाटे का सौदा’ नहीं की सीख दी, उनकी जयंती पर नमन

बंगाली बड़ी तेज़ी से हिन्दू से ईसाई बनते जा रहे थे। कारण था - कलकत्ता ईसाई मिशनरी। युवा हनुमान प्रसाद पोद्दार ने गीता प्रेस के साथ...

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