रुपिंदर खोसला ने कहा कि इससे पता चलता है कि दिल्ली में ब्लैक मार्केटिंग चल रही है और दिल्ली सरकार ऑक्सीजन कोटा का प्रबंधन और निगरानी नहीं कर पा रही है।
ये वही कैप्टेन अमरिंदर सिंह हैं, जिन्होंने दिल्ली की सीमाओं पर बैठे इन्हीं किसानों का कई बार समर्थन किया था। अब खुद पर आई है तो वो कह रहे कि 32 किसान संगठन सरकार पर अपनी राय नहीं थोप सकते।
पंजाब में बैसाखी के अगले कुछ दिनों में जब कथित तौर पर किसान प्रदर्शन से अपने गाँव लौटे और फसल की कटाई के बाद पुनः आंदोलन में शामिल हुए तब कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिली।