स्व-घोषित फ़ैक्ट-चेकर वेबसाइट AltNews के सह-संस्थापक, जिसने हाल ही में अलीगढ़ में तीन साल की टीना (बदला हुआ नाम) की हत्या और संभावित बलात्कार के एक प्रमुख आरोपित असलम के अपराधों पर पर्दा डाला था, उसने ऑपइंडिया की रिपोर्ट को ख़ारिज और बदनाम करने का काम किया।
बहुचर्चित कठुआ बलात्कार केस में पठानकोट की अदालत ने फैसला सुनाया है। अदालत ने 7 में से 6 अभियुक्तों को दोषी पाया है। कुल 6 में से 3 दोषियों को उम्रकैद की सजा मिली है। बाकी 3 को 5-5 साल की कैद और जुर्माना भरना पड़ेगा।
पीर कासिम ने एक-दो बार नहीं बल्कि कई बार पीड़ित नाबालिग लड़की का बलात्कार किया। मामला तब सामने आया जब परिजनों ने पाया कि पीड़िता गर्भवती है। इस घटना के बाद 'पीर बाबा' पुलिस से बचने के लिए लगातार जगह बदल-बदल कर रह रहा था। लेकिन...
यह शर्मनाक घटना कानपुर की है, जहाँ के नौबस्ता थाना क्षेत्र स्थित मछरिया में मदरसा बना हुआ है। यहाँ मदरसे में बतौर मौलवी मोहम्मद जावेद ने परिसर में आने वाली 16 वर्षीय मासूम को अपनी हवस का शिकार बना डाला।
पीड़ित परिवार को लगातार केस वापस लेने की धमकी मिल रही है। मीना (बदला हुआ नाम) की माँ ममता सिंह ने बताया कि उनके परिवार पर केस दर्ज न करने के लिए लगातार दबाव बनाया जा रहा है। फ़िलहाल, गाँव में दहशत का माहौल बना हुआ है।
इस मामले को आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 511 (दंडनीय अपराध), 325 एससी/ एसटी अधिनियम और 7/8 POCSO के तहत FIR दर्ज कर लिया है और शाहनवाज़ को हिरासत में ले लिया है।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अख़बार ने सिविल अस्पताल में मेडिकल जाँच में बलात्कार की पुष्टि का दावा किया है। दावा जिले के डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अफसर के हवाले से किया गया है।
असलम के बारे में पता चला है कि इससे पहले भी वो कई वारदातों को अंजाम दे चुका है। उसने अपने ही रिश्तेदार की बच्ची का बलात्कार किया था जिसके लिए उसे साल 2014 में गिरफ़्तार भी किया गया था।
टप्पल में बच्ची के परिवार से मिलने के लिए डीएम भी पहुँचे। उन्होंने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया। साथ ही बाल आयोग की टीम भी मौके पर पहुँची।