हाजीपुर स्टेशन से गुजर रही राजधानी एक्सप्रेस पर भी अभ्यर्थियों का ग़ुस्सा फूटा। इस दौरान उन्होंने ट्रेन पर जमकर पत्थरबाज़ी की। इससे ट्रेन के शीशे टूट गए और उसमें सवार यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
अक्षय प्रीतमदास भाटिया, मनीष आडवाणी... जैसे कई नामों के सहारे एजाज करीब 22 साल तक पुलिस और खुफिया एजेंसियों की आँख में धूल झोंकता रहा। इस दौरान उसने नाम ही नहीं बदले। रूप-रंग और जीवनशैली भी नाम के अनुसार बदली।
बालिका गृह से गायब दाे किशोरियॉं आखिर कहॉं गईं? जिन दो बच्चियों की हत्या की बात उनके साथियों ने कही थी, उनके शव ब्रजेश ठाकुर एंड कंपनी ने कहॉं ठिकाने लगाया? दो बड़े सवाल जिनका सीबीआई नहीं दे पाई जवाब।
पिछले कुछ सालों में बिहार से कई आतंकी पकड़े गए हैं। बीते साल ही गया से जमात आतंकी दबोचा गया था। इतनी गिरफ़्तारियों से यह सवाल उठने लगा है कि आतंकियों के लिए बिहार सेफ़-ज़ोन तो नहीं बनता जा रहा?
"आखिरी फैसला प्रधानमंत्री मोदी और सुशील मोदी ही लेंगे। लेकिन अब भाजपा अकेले चुनाव जीतने में सक्षम है। राज्य में बीजेपी किसी भी अन्य राज्य से और यहाँ के अन्य दलों में से सबसे मजबूत और सक्रिय पार्टी है। सुशील मोदी और नित्यानंद राय CM बन सकते हैं।"
111 पन्नों की उस रिपोर्ट के 6 पन्ने इतने भयावह दास्तानों से भरे पड़े थे कि पूरा देश उबल पड़ा। यौन शोषण, प्रताड़ना, जानवरों से भी बदतर हालात में रहने की मजबूरी। जिम्मेदार बताए गए 71 अधिकारियों पर गाज गिरेगी या फिर होगी लीपापोती?
पीड़ित छात्र राजनीति शास्त्र विभाग में स्नातक थर्ड इयर का छात्र है। उसे कुछ उपद्रवी छात्रों ने पकड़ लिया और गाली गलौज करने लगे। इसके बाद छात्र अमरेश की जमकर पिटाई कर दी। उसका गुनाह सिर्फ़ इतना था कि उसने सीएए के समर्थन में एक फेसबुक पोस्ट लिखा था।
ईरान का हामेद अबकरी 11 साल से अवैध रूप से भारत में रह रहा था - बौद्ध संन्यासी का वेश धारण कर। बिहार के बोधगया से काठमांडू जा रही भारत-नेपाल मैत्री बस में जाँच के दौरान पकड़ाया।
फरारी के दौरान भी उसने अपने फेसबुक पेज पर अपना फोटो पोस्ट किया था। उससे पहले उसने न सिर्फ़ एक पत्रकार की पिटाई की थी बल्कि कई अन्य मीडियाकर्मियों के साथ भी बदतमीजी की थी। उसने कई अख़बारों के पत्रकारों व फोटोग्राफरों की पिटाई की थी।