Tuesday, June 17, 2025
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11 साल से भारत में रह रहा था ईरानी घुसपैठिया हामेद अबकरी, टकला होकर बौद्ध संन्यासी का धरा था रूप

जाँच के दौरान जब वीजा माँगा तो उसके पास वीजा नहीं था। पूछताछ के बाद कुछ ही देर में ईरानी नागरिक ने स्वीकार कर लिया कि वह बौद्ध संन्यासी के रूप में पिछले 11 साल से अवैध रूप से भारत में रह रहा था।

पिछले 11 साल से बौद्ध संन्यासी का वेश धारण कर भारत में गुजर-बसर करने वाले एक ईरानी घुसपैठिए को पुलिस ने कल (दिसंबर, 29 2019) नेपाल जाते हुए इंडो-नेपाल बॉर्डर (चंपारण, बिहार) से गिरफ्तार कर लिया। घुसपैठिए की पहचान हामेद अबकरी के रूप में हुई। हामेद मूल रूप से ईरान के वैरिन शहर रजकान का निवासी है। घुसपैठिए ने पुलिस को खुद बताया है कि वह अवैध रूप से भारत में लंबे समय से रह रहा था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में 11 साल से अवैध रूप से रह रहे ईरानी नागरिक को अब इमिग्रेशन की टीम ने अपनी हिरासत में ले लिया है। उसकी गिरफ्तारी बीती रात करीब 10 बजे बिहार के चंपारण में बोधगया से काठमांडू जा रही भारत-नेपाल मैत्री बस में जाँच के दौरान हुई। बस में हामेद बौद्ध संन्यासी का वेश धारण किए बैठा था।

जानकारी के अनुसार, टीम ने बस की जाँच के दौरान जब हामेद से वीजा माँगा तो उसके पास वीजा नहीं था। जिसके बाद अधिकारियों ने उससे पूछताछ शुरू की और कुछ ही देर में ईरानी नागरिक ने स्वीकार कर लिया कि वह बौद्ध संन्यासी के रूप में पिछले 11 साल से अवैध रूप से भारत में रह रहा था। इसके अलावा अधिकारियों ने अपनी जाँच में उसके पास से ईरानी पासपोर्ट भी बरामद किया। जिसे बाद में उन्होंने स्थानीय पुलिस को दे दिया।

बता दें कि घुसपैठिए हामेद को फॉरेनर एक्ट 1946 के सेक्शन 14बी के तहत दोषी पाते हुए रक्सौल थाने को सौंप दिया गया है। जहाँ पूछताछ के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा।

गौरतलब है कि ये पहला मामला नहीं है, जब इस इलाके से पुलिस ने इस तरह किसी विदेशी घुसपैठिए को गिरफ्तार किया हो। इससे पहले बिहार के इसी इलाके में कई विदेशियों को पुलिस ने नेपाल भागने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया था। आखिरी गिरफ्तारी 19 दिसंबर को सोमालिया के एक शख्स की हुई थी, जबकि उससे पहले 2 लोगों को अगस्त में गिरफ्तार किया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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