पश्चिम बंगाल में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाना एक अपराध बन चुका है, जिसके लिए सज़ा भी दी जाती है। ताज़ा मामला कलकत्ता यूनिवर्सिटी का है जहाँ एक कर्मचारी का तबादला सिर्फ़ इसलिए कर दिया गया क्योंकि उसने ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाया था।
कॉन्ग्रेस के पूर्व सांसद के भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कासरगोड ज़िले के मंजेस्वरम निर्वाचन क्षेत्र से आगामी उपचुनाव लड़ने के लिए पार्टी उन्हें टिकट दे सकती है।
ममता बनर्जी अब जहाँ से भी गुज़रेंगी हो सकता है कि उस स्थान को अब पूरी तरह से खाली करा लिया जाए। आमतौर पर उस स्थान को पहले से ही खाली करा लिया जाता है जहाँ नेताओं के विरोध में नारेबाज़ी होने की गुंजाइश हो या फिर उन्हें काले झंडे दिखाए जाने की संभावना हो।
पिछले साल घाटी में आतंकरोधी अभियानों की शुरुआत न होने के कारण, रमज़ान महीने के दौरान केवल 11 आतंकवादी मारे गए थे और वह भी कुपवाड़ा और हंदवाड़ा ज़िलों में।
‘जय श्रीराम’ के नारे से तिलमिलाई ममता ने अपनी भड़ास निकालने के लिए ‘जय बांग्ला’ और ‘जय हिंद’ शब्दों का इस्तेमाल शायद एक विकल्प के रूप में चुना है। शब्दों को लेकर ममता बनर्जी की यह सोच उनकी कुंठित मानसिकता को उजागर करती है।
पिछले महीने तमिलनाडु में एक चुनावी रैली के दौरान, पीएम मोदी ने आश्वासन दिया था कि अगर वो सत्ता में वापस आए, तो उनकी सरकार एक अलग जल शक्ति मंत्रालय की स्थापना करेगी।
इस फ़ोटो को शेयर करते समय यह दावा किया गया कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास कथित रूप से नशे की हालत में थे और वो ऐसी हालत में एक न्यूज़ चैनल की महिला पत्रकार को इंटरव्यू दे रहे थे। बता दें कि कॉन्ग्रेस नेता के इस पोस्ट को 1000 से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं।
कैलाश विजयवर्गीय की उपस्थिति में तृणमूल कॉन्ग्रेस के विधायक मनिरुल इस्लाम ने बीजेपी जॉइन कर ली है। इसके अलावा टीएमसी नेता गदाधर हाज़रा, मोहम्मद आसिफ इकबाल और निमाई दास ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है।
पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शपथ ग्रहण से एक दिन पूर्व ही नई सरकार में स्वास्थ्य कारणों से कोई भी पद स्वीकार करने में अपनी असमर्थता जता दी है। अरुण जेटली ने अपने फैसले की जानकारी नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर दे दी है। उनके इस फैसले से...