17,734 मॉडल पोलिंग स्टेशन होंगे। 8192 को महिलाओं द्वारा मैनेज किया जाएगा और 621 दिव्यांग कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित किए जाएँगे। शौचालय की भी व्यवस्था होगी।
यह कार्टून पूरी तरह से हिन्दुओं के प्रति घृणा से भरा कार्टून था। क्या उज्जैन में केवल हिन्दू ही रहते हैं? या फिर महाकाल की नगरी होने के कारण ऐसा किया गया?