“उरजुल हसन पर प्रधानमंत्री और कई अन्य केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक पोस्ट करने का आरोप है। राजनैतिक तटस्थता बनाए रखने में नाकाम रहने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है।”
पिछले वर्ष दिसंबर में कोटा के जेके लोन अस्पताल में सौ बच्चों की मौत से खासा बवाल मचा था और इसके चलते राजस्थान सरकार की काफी फजीहत हुई थी। विपक्ष ही नहीं बल्कि खुद राज्य सरकार के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने इस मामले में जिम्मेदारी तय करने की बात कही थी।
यह बिल किसी तरह से मुस्लिम भाइयों को नुकसान नहीं करता है। इससे किसी की नागरिकता खतरे में नहीं पड़ने वाली है। यह शरणार्थियों को नागरिकता देगी, मगर भारत के मुस्लिमों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। इनकी नागरिकता को कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
कपिल सिब्बल ने कहा कि सबसे पहले टू नेशन थ्योरी वीर सावरकर ने दी थी। इसके बाद सिब्बल ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए (प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के लिए असंसदीय शब्दों का प्रयोग भी) कहा कि...
मुसलमानों के साथ कौन सा अन्याय हुआ है? कहाँ के मुसलमान को वो नहीं मिल रहा जो हिन्दुओं को मिल रहा है? क्या कोई ऐसी योजना है, छात्रवृत्ति है, कोई कार्ड है, सिलिंडर है, बिजली है, बैंक अकाउंट है, बल्ब है, बीमा है, हॉस्पिटल है, स्कूल है, कॉलेज है, यूनिवर्सिटी है, जहाँ सरकार ने कहा हो कि इसमें भारतीय मुसलमानों को नहीं रखा गया है?
शिवसेना का एक नेता राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक पर मोदी सरकार के साथ होने की बात करता है। 10 मिनट के बाद कॉन्ग्रेस के 'वरिष्ठ नेता' राहुल गाँधी इस बिल के हर समर्थक को देश तोड़ने वाला बताते हैं। इसके 10 मिनट के बाद शिवसेना का सबसे बड़ा नेता मतलब उद्धव ठाकरे पलटी मारते हुए कहते हैं कि चीज़ें स्पष्ट नहीं, इसलिए...
बिल के मुताबिक शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, निवास आदि 8 स्पष्ट क्षेत्रों में ट्रांसजेंडर लोगों के साथ भेदभाव करने को अपराध घोषित किया गया है। इसके अलावा ट्रांसजेंडर की परिभाषा भी इस अधिनियम में तय की गई है। इसके अनुसार ऐसे सभी व्यक्ति जिनका जेंडर (लिंग) उनके जन्म के जेंडर से मेल नहीं खाता, ट्रांसजेंडर की परिभाषा में आएँगे।