बैठक को बुलाने से पहले एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार 15 दिन में प्रशांत किशोर से 2 बार मिल चुके हैं। एक मीटिंग 11 जून को पवार के मुंबई स्थित आवास पर हुई थी और दूसरी बैठक सोमवार को हुई।
"भारत सरकार ने बिम्सटेक समूह में शामिल राष्ट्रों के नेताओं को इस शपथ ग्रहण समारोह में सम्मिलित होने के लिए निमंत्रित किया है। ये सरकार की ''पड़ोसी सर्वप्रथम" वाली नीतियों के अनुरूप है। 'संघाई कोऑपरेशन आर्गेनाईजेशन' के अध्यक्ष किर्गिस्तान के राष्ट्रपति को भी आमंत्रित किया गया है।"
टुडे चाणक्य के अलावा किसी भी एजेंसी का एग्जिट पोल सटीक नहीं था। इसलिए एग्जिट पोल को लेकर मीडिया के साथ-साथ जनता की उत्सुकता तो रहती है लेकिन यह उम्मीदों पर भी खरी उतरे, इसकी संभावना नहीं के बराबर मान के चलनी चाहिए।
इस बार के लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी ने अपना प्रभाव कायम रखा है। विपक्ष के सभी वार खाली जा रहे हैं। फिर भी अंतिम परिणाम क्या होगा इसका पता 23 मई को चलेगा।
'वीरे दी वेडिंग' फिल्म में खुलकर अपने 'मन की बात' करने वाली स्वरा भास्कर को बहुत आसानी से नारीवाद का चेहरा बना कर पेश किया जाने लगा है। यह वर्तमान समय का सबसे बड़ा दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि महिलाओं के अधिकारों को उसके शारीरिक सुख और जबरन फूहड़पन मात्र से जोड़कर पेश कर देने से वो समाज में महिलाओं की नई पहचान दिलाने वाले ठहराए जाने लगते हैं।
मतदान स्थल पर पहुँचे जाकिर पाशा को जिसने भी पैर से मतदान करते देखा, उनकी प्रशंसा किए बिना नहीं रह सकता। इस फोटो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर जाकिर लोगों के हीरो बन गए।
इटाहर विधानसभा क्षेत्र के चाकला में मतदान से कुछ घंटों पहले बम से हमले की घटना सामने आई है। इस हमले में 2 लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है। सुबह 7 बजे क्षेत्र में मतदान शुरू होने से पूर्व इस घटना के कारण स्थानीय लोगों में डर का माहौल बन गया है।
उनके दोनों मोबाइल फोन बंद हैं और उनकी अंतिम लोकेशन नदिया जिले में शांतिपुर के पास की बताई जा रही है। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि शांतिपुर के बाद उनकी लोकेशन का पता नहीं चल पाया है क्योंकि वहाँ से उनका फोन बंद आ रहा है।
गुजरात में लगभग 600 से अधिक पाकिस्तानी हिंदू अप्रवासी ऐसे हैं, जो 2019 के लोकसभा चुनावों में पहली बार मतदान करेंगे। साल 2015 में मोदी सरकार द्वारा भारत की नागरिकता दिए जाने के बाद अब ये लोग मोदी सरकार को वोट डालने के लिए तैयार हैं।
अगर आपने अपने निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में नाम दर्ज करवा लिया है, तो इसका मतलब है कि आपने अपना रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है। ऐसी स्थिति में आप बिना वोटर कार्ड के मतदान भी कर सकते हैं। जरूरत होगी तो सिर्फ एक आईडी प्रूफ की।