सत्तारुढ़ भाजपा के खिलाफ कॉन्ग्रेस के इकोसिस्टम द्वारा फेक न्यूज फैलाए जाने के प्रपंच को सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने आड़े हाथों लिया। उन्होंने मोदी सरकार के खिलाफ फर्जी न्यूज फैलाने को बढ़ावा दिए जाने को लेकर प्रकाशित लेख पर एडिटर्स गिल्ट ऑफ इंडिया के प्रमुख शेखर गुप्ता को लताड़ लगाई।
अतुल्य गंगा नाम की संस्था राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को एक प्रस्ताव भेजती है, जिसमें इस बात की जाँच की माँग की गई कि क्या गंगा जल द्वारा कोरोना वायरस संक्रमितों का इलाज किया जा सकता है?
अर्नब गोस्वामी ने कहा ने कहा कि वह काफी लंबे वक्त से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के सदस्य हैं लेकिन अब यह मात्र कुछ लोगों का समूह है जिनमें फेक खबरों को फेक कहने का दम नहीं है।
साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया कि वहाँ पर 'इन्फेक्शन रेट' बाकी दुनिया से एकदम अलग है। उन्होंने लिखा कि ये सब बिना लॉकडाउन के ही संभव हुआ। हालाँकि, आज ही ख़बर आई है कि सिंगापुर के दो इंटरनेशनल स्कूलों के बच्चों के 6 पेरेंट्स कोरोना वायरस के शिकार हो गए हैं।
शेखर गुप्ता ने दावा किया कि नागरिकता संशोधन विधेयक वह नहीं है, जिसके लिए भाजपा को वोट दिया गया था। जबकि थोड़ा सा गूगल कर लेते तो उनके जैसे 'वरिष्ठ' पत्रकार को लोकसभा चुनाव 2019 में BJP का घोषणापत्र मिल जाता, जिसमें साफ-साफ लिखा है कि...
न्यूज़ 18 कन्नड़' ने एक ऑडियो टेप जारी किया है। इस टेप में आईपीएस अधिकारी भास्कर राव किसी फराज नामक व्यक्ति से बात कर रहे हैं, ताकि वह बेंगलुरू के पुलिस कमिश्नर बन सकें। फराज अहमद पटेल सहित कई कॉन्ग्रेस नेताओं का नाम लेता है।
फातिमा सरकारी मशीनरी की बात करना चाहतीं हैं? जिस सरकारी मशीनरी को वह महज़ दो घटनाओं के चलते अपनी पूरी कौम के खिलाफ खड़ा मान रहीं हैं, वही मशीनरी सबरीमाला, तिरुपति बालाजी समेत हिन्दुओं के हज़ारों मंदिरों को निगल चुकी है। RTE का बोझ केवल हिन्दू शैक्षिक संस्थान उठा रहे हैं- मुस्लिमों के मदरसे इससे आज़ाद हैं।
लेखक ने अपने भाषण में अरबी-फारसी शब्दों के इस्तेमाल से बचने और उनकी जगह हिन्दी का इस्तेमाल करने की सलाह दी थी। लेकिन, कृतिका शर्मा ने कई जगहों पर अपनी सहूलियत से फ़ारसी को 'उर्दू' कर दिया। नित्यानंद मिश्र का यह भी कहना है कि उन्होंने केवल "शासन/प्रभुत्व" बनाम "सरकार" शब्दों की बात की थी, लेकिन कृतिका ने रिपोर्ट को सनसनीखेज़ बनाने के लिए "मोदी" जोड़कर "मोदी सरकार" बनाम "मोदी शासन" कर दिया।