Sunday, November 17, 2024

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सावरकर

राजस्थान के स्कूलों में 28 मई को सावरकर जयंती और 5 अगस्त को धारा 370 हटाने का उत्सव: भाजपा सरकार ने दिया निर्देश, होगा...

राजस्थान शिक्षा विभाग ने कहा कि है कि स्कूलों में 28 मई को सावरकर जयंती और 5 अगस्त को स्वर्ण मुकुट मस्तक दिवस मनाया जाएगा।

सावरकर के सहयोगी कॉन्ग्रेसी अध्यक्ष से लेकर मुस्लिम नेता तक… भगत सिंह के साथी और फिल्म डायरेक्टर भी: इतिहास जो भुला दिया गया

1900 के बाद, ऐसा कोई क्रांतिकारी या नेता नहीं था जो सावरकर के संपर्क में आकर, उनसे प्रभावित न हुआ। बाद में सावरकर को बदनाम करने के लिए...

केरल की यूनिवर्सिटी में सावरकर और RSS नेता की किताब के अंश नहीं पढ़ाए जाएँगे, CM पिनराई विजयन ने जताई थी आपत्ति

केरल की यूनिवर्सिटी में पीजी छात्रों को सेमेस्टर 3 में RSS के नेता एम एस गोलवलकर और हिंदू महासभा के नेता वी डी सावरकर की किताबों के कुछ अंशों को नहीं पढ़ाया जाएगा।

वीर सावरकर के नाम पर फिर बिलबिलाए कॉन्ग्रेसी; कभी इसी कारण से पं हृदयनाथ को करवाया था AIR से बाहर

पंडित हृदयनाथ अपनी बहनों के संग, वीर सावरकर द्वारा लिखित कविता को संगीतबद्ध कर रहे थे, लेकिन कॉन्ग्रेस पार्टी को ये अच्छा नहीं लगा और उन्हें AIR से निकलवा दिया गया।

जेल में चूहा नेहरू के लिए ‘टॉर्चर’, झाड़ू लगा और अंग्रेजी बॉन्ड भर सिर्फ 12 दिन में निकले: सावरकर ने 15 साल झेली प्रताड़ना

नेहरू ने अपनी आत्मकथा में भी नाभा की 'प्रताड़ना' का जिक्र किया है - कमरे की ऊँचाई कम थी, वहाँ एक चूहा था, जमीन पर सोना होता था और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था नहीं थी।

कॉन्ग्रेस की समिति, स्वतंत्रता आंदोलन पर किताब, नेहरू की प्रस्तावना और सावरकर के नाम के आगे ‘वीर’: इतिहास का एक पन्ना यह भी

यह दुर्भाग्य ही है कि कॉन्ग्रेस का एक अध्यक्ष सावरकर को सम्मान दे रहा था तो आज की कॉन्ग्रेस अपने ही इतिहास को भूल गई है।

वीर सावरकर पर अपमानजनक लेख के लिए THE WEEK ने 5 साल बाद माँगी माफी: जानें क्या है मामला

'द वीक' पत्रिका ने शुक्रवार को स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर के बारे में पहले प्रकाशित एक अपमानजनक लेख के लिए माफी माँगी। यह विवादास्पद लेख 24 जनवरी, 2016 को प्रकाशित किया गया था जिसे 'पत्रकार' निरंजन टाकले द्वारा लिखा गया था।

भूमिपूजन की बधाई, हनुमान चालीसा पाठ: सावरकर ने कहा था- हिन्दू एक हुए तो कॉन्ग्रेसी कोट पर जनेऊ पहनेंगे

सावरकर ने अविभाजित भारत में मुस्लिम लीग के साथ हिन्दू महासभा के गठबंधन को लेकर कॉन्ग्रेसी दुष्प्रचार को जवाब देते हुए ये बातें कही थीं।

भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में सावरकर-बोस सिद्धांत को अमल में लाने का वक्त आया

यह स्पष्ट है कि आज के भारतीय जहाज के तल में एक बड़ा छेद है जिसे हमें दुरुस्त करने की आवश्यकता है। अगर हम ऐसा नहीं करते हैं तो यह जहाज सागर में डूब सकता है।

‘एक ने अंग्रेजों के सामने सिर झुका दिया, दूसरे ने चाइना के सामने’ – झूठ फैलाने पर AAP नेता पर FIR

"एक ने अंग्रेजों के सामने सर झुका दिया था और दूसरे ने चाइना के सामने…" इस विवादित ट्वीट पर सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

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