Friday, November 22, 2024

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कॉन्ग्रेस की सोशल मीडिया टीम में पाकिस्तान के सदस्य हैं, BJP प्रवक्ता ने दिखाया स्क्रीनशॉट

ऐसे समय में जब पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश में पाकिस्तान विरोधी भावनाएँ सबसे ज़्यादा हैं, सोशल मीडिया पर अपने प्रचार-प्रसार के लिए पाकिस्तानी नागरिकों का इस्तेमाल करने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी इस आरोप से कैसे बचाव करेगी, ये देखने की बात है।

कुप्रेक: वामपंथ के इश्क़ में ज़हर होना

उम्मीद है कि 'राष्ट्रवाद से नफरत' की मानसिकता वालों के भी कभी अच्छे दिन जरूर आएँगे, जब ये यकीन करना शुरू कर देंगे कि जुरासिक पार्क की फिल्मों के लिए असली डायनासौर और सुपरमैन फिल्म बनाने के लिए असली सुपरमैन की सहायता नहीं ली गई थी।

फैक्ट चेक: क्या पुलवामा आतंकी हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी उत्तराखंड में फोटो शूट करवा रहे थे?

यह राहुल गाँधी, सोशल मीडिया के वामपंथी ट्रोल और फुल टाइम प्रचारक पत्रकारों द्वारा प्रचारित एक और झूठ, उनकी कभी न खत्म होने वाली महाझूठ और प्रोपेगंडा का हिस्सा है।

Fact Check: मीडिया गिरोह के सदस्य ‘scroll’ का एक और झूठ, मामला पत्रकारों के अश्लील संदेशों का

पुलवामा हमले के बाद, कई पत्रकारों ने फ़र्ज़ी ख़बर फैलाई थी कि विभिन्न स्थानों पर कश्मीरी मुस्लिम छात्रों पर दक्षिणपंथी समूहों द्वारा हमला किया जा रहा है। इस तरह के निराधार दावों के कारण लोगों ने सोशल मीडिया पर उनकी आलोचनाएँ भी की थीं।

रवीश जी गालियाँ आपके पत्रकारिता से तंग जनता का आक्रोश है, इसे भारत-माँ के नाम मत कीजिए

जब आपको तारीफें मिली, प्रसिद्धि मिली, आज आप जो कुछ हैं, जब वो सब मिला तो आपने कभी नहीं कहा कि ये सब 'भारत माँ' की वजह से है। और जब आपकी 'पक्षकारिता' की वजह से गालियाँ मिल रही हैं तो किस हक़ से इसे 'भारत माँ' को समर्पित कर रहे हैं?

फैक्ट चेक: राष्ट्रीय सुरक्षा पर NDA सरकार के ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में आपटार्डों के पेज का फर्ज़ीवाड़ा

यह स्पष्ट नहीं है कि आतंकी हमलों की संख्या कहाँ से प्राप्त हुई क्योंकि हमें SATP वेबसाइट पर ऐसा कोई आँकड़ा नहीं मिला। स्पष्ट है कि केवल झूठ फ़ैलाने के लिए ऐसे ही एक बड़ी संख्या चुनी गई ताकि सुरक्षा के मामले में NDA को कमज़ोर साबित किया जा सके।

Fact Check: NDTV वालो, और केतना बेज्जती करवाओगे शोना?

विवादस्पद NDTV की पहचान अब अक्सर फ़ेक न्यूज़ को प्रचारित करने की बन चुकी है। NDTV ने अपनी वेबसाइट में एक ऐसी भ्रामक हेडलाइन को प्रमुखता से जगह दी जिसमें यह दर्शाया गया कि पीएम मोदी ने वंदे भारत ट्रेन-18 का मजाक उड़ाते हुए लोगों के ख़िलाफ़ सज़ा की माँग की।

मठाधीश पत्रकारों को औकात दिखाती सोशल मीडिया

रवीश कुमार का तो यह हाल है कि वे प्रनॉय रॉय के घर में तीसरी सबसे पुरानी चीज हो चुके हैं, लेकिन तब भी उनकी नौकरी छोड़ नहीं सकते क्योंकि उन्होंने इतना 'यश' कमाया है कि यहाँ से जाने के बाद उन्हें शायद ही कोई रोजगार दे।

भाजपाइयों, कॉन्ग्रेसियों या दलितों-ब्राह्मणों का नहीं… यह गुस्सा राष्ट्रवादियों का है

भीड़ के इस गुस्से को यदि आप समझ नहीं पा रहे तो इंशा अल्लाह आपको प्रत्यक्ष रूप से कश्मीर में आजादी का नारा बुलंद करना चाहिए।

पत्रकारिता है या दोमुँहापन? स्टॉकिंग का दावा और दूसरों के नंबर पब्लिक कर अपनी ट्रोल आर्मी से ट्रोल करवाना

क्या बरखा दत्त को कॉल कर देना ही उसकी गलती थी? क्या बरखा दत्त किसी मार्केटिंग कंपनी के कॉल आने पर भी उनके नंबर शेयर करती है? और सबसे बड़ी बात, किसी का पर्सनल नंबर क्यों ट्विटर पर शेयर किया? क्या एक की गलती, गलती है! अपराध है! आपकी नहीं?

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