एग्जिट पोल्स के दावों के बावजूद AAP की हालत पस्त नज़र आ रही है। उसे किसी भी एग्जिट पोल्स पर भरोसा नहीं हो रहा है। वहीं बीजेपी के इस दावे ने कि वह सरकार बनाने जा रही है। केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी की नींदें उड़ा दी है।
रिसर्च की मानें तो अंतिम 2 घंटों में वोटिंग प्रतिशत में जो बड़ी बढ़ोतरी हुई है, उससे भाजपा को भारी फायदा होने जा रहा है। ग्राउंड रिपोर्ट के हवाले से दावा किया गया है कि आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस को मिलने वाले वोटों में कमी आएगी।
बल्लीमारान में 71.6% मतदान दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम मतदान दिल्ली छावनी में 45.4% हुआ है। दिल्ली में मतदान के बाद शनिवार को आए एग्जिट पोल के नतीजों में AAP को आसानी से जीत मिलती दिखाई दे रही है।
सारे एग्जिट पोल्स में अपनी सरकार बनने की भविष्यवाणियों के बाद भी केजरीवाल एंड पार्टी शायद जमीनी हकीकत से वाकिफ है और इसीलिए प्रतिकूल चुनाव परिणामों के लिए ईवीएम को दोषी ठहराने के बाद अब चुनाव आयोग को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है।
ये शराब 8 तारीख को होने वाले दिल्ली चुनाव से पहले बाँटी जानी थी। बोलेरो गाड़ी में 15 पेटियाँ अंग्रेजी शराब की भरी हुई थीं। इन पेटियों में 48 पव्वे (क्वार्टर) थे, जो 'PK' की मोहर के साथ सीलबंद पाए गए। इन 15 पेटियों के अलावा भी बड़ी मात्रा में शराब दाल मिल कंपाउंड में थी, जिसे...
चुनाव बाद हुए एग्जिट पोल में कॉन्ग्रेस सत्ता की दौड़ में काफी पिछड़ती नजर आ रही है। कई एग्जिट पोल में तो कॉन्ग्रेस को एक भी सीट मिलती नहीं दिखती। ऐसी स्थिति में पीसी चाको का बयान आशावादियों के लिए एक बेंचमार्क ही समझा जाना चाहिए।
“हमारी विधानसभा बाबरपुर में वोटिंग खत्म होने पर सभी EVM मशीन स्ट्रांग रूम भेज दी गई उसके बाद सरस्वती विद्या निकेतन पोलिंग स्टेशन पर एक अधिकारी EVM के साथ पकड़ा गया है। मैं इलेक्शन कमिशन से अपील करता हूँ कि इस पर तुरंत करवाई किया जाए।”
अल्पसंख्यकों और रिजर्व सीटों पर अधिक वोटिंग को सीधे तौर पर चुनाव विश्लेषक आम आदमी पार्टी के लिए फायदे का सौदा बता रहे हैं। उनका कहना है कि मुस्लिम सीटों का वोटर एकतरफ वोट करता है। अभी तक का आँकलन यही बता रहा है कि मुस्लिम वोटर्स AAP की तरफ गया है।
एग्जिट पोल्स के बाद आप ने ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। इस संबंध में केजरीवाल के घर पर एक बैठक हुई। इसमें मनीष सिसोदिया और प्रशांत किशोर भी मौजूद थे।
राजनैतिक पंडितों के दावे तब भी आज की तरह ही AAP के हक में थे। आप ऐसे ही अति आत्मविश्वास में थी। तब भी वोटों की गिनती 11 तारीख को ही हुई थी। जब नतीजे आए तो सारे दावे, सारा यकीन रेत की महल की तरह ढह गया था।