25 फरवरी की शाम राहुल कुछ सामान लेने घर से निकला। तभी दंगा भड़क गया। वह डरकर एक टंकी के नीचे छिप गया। लेकिन दंगाइयों ने उसे वहाँ भी नहीं छोड़ा और उसके ऊपर तेजाब से भरी बोतल फेंक दी। इससे उसका चेहरा बुरी तरह झुलस गया।
एडिशनल एसपी मोनिका राउत ने बताया कि आरोपित लगातार बयान बदल रहा है। उससे पूछताछ कर मामले की जॉंच की जा रही है। हमले में महिला डॉक्टर के साथ दो अन्य लोग भी झुलस गए, जिनमें एक नाबालिग है।
7 फरवरी को पीड़िता का कोर्ट में बयान दर्ज होना है। आरोपितों के परिजन राजीनामे के लिए दबाव बना रहे थे। इनकार करने पर 8-10 लोग अवैध हथियार लेकर पीड़िता के घर में घुस आए और हमला बोल दिया।
युवती ने बताया कि उसने युवक से कई बार प्यार का इजहार किया था। उसका पीछा करती थी। लेकिन, युवक हर बार इनकार कर देता था। इससे गुस्से में आकर उसने इस घटना को अंजाम दिया।
इस वीडियो को देखकर शायद ही किसी के मन में यह सवाल नहीं उठेगा कि फ़िल्म ‘छपाक’ में एसिड हमले की शिकार हुई जिस लक्ष्मी अग्रवाल का किरदार दीपिका ने निभाया, उसे गंभीरता से लिया भी होगा या नहीं?
दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि एसिड पीड़िता की वकील अपर्णा को क्रेडिट दिए बिना फ़िल्म रिलीज़ पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इसके लिए 15 जनवरी तक मल्टिपलेक्स और अन्य जगहों पर 17 जनवरी तक की मोहलत दी गई है।
एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल का केस लड़ने वाली वकील को क्रेडिट देने के निचली अदालत के फ़ैसले के एक दिन बाद Fox Studios और फ़िल्म की निर्देशक मेघना गुलज़ार ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक अपील दायर की है।
रिलीज से पहले विवादों में घिरी छपाक फ़िल्म के निर्देशक मेघना गुलजार को दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने निर्देश जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि फ़िल्म में एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल के वकील अर्पणा भट्ट को क्रेडिट दिया जाए, क्योंकि...
दर्दनाक दास्तानों की फेहरिस्त लंबी है। सिलसिला टूट नहीं रहा। इसलिए छपाक देखना या नहीं देखना आपकी मर्जी है। पर ऐसी घटनाओं से लड़ना समाज के तौर पर हमारे लिए मर्जी का सवाल नहीं। हमें लड़ना ही होगा।