"अनुच्छेद 370 में इन संशोधनों की आवश्यकता थी, क्योंकि इसके कारण लगभग सभी कश्मीरी अल्पसंख्यकों (जैसे शिया, दलित, गुर्जर, कश्मीरी पंडित, कश्मीरी सिखों) के साथ हद से ज्यादा भेदभाव हो रहा था। लेकिन अब उन्हें कानून के समक्ष बराबरी का अवसर मिलेगा।"
पाकिस्तान को दी जाने वाली यह धनराशि ‘पाकिस्तान एन्हांसमेंट पार्टनरशिप एग्रीमेंट (PEPA) 2010’ के तहत मिलती थी। 90 करोड़ डॉलर की बची हुई अमेरिकी मदद पाने के लिए पाकिस्तान ने पिछले सप्ताह ही PEPA की समय-सीमा बढ़ा दी थी।
UNSC की अध्यक्ष द्वारा पाकिस्तान पर 'नो कमेंट्स' वाली टिप्पणी करने से पहले अमेरिका के दो नेता भी पाकिस्तान को भारत के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने से बचने की बात बोल चुके हैं और उन्हें कह चुके हैं कि वह अपनी सरजमीं पर पल रहे आतंकी गुटों से निबटने पर ध्यान दें।
अमेरिकी नेताओं ने कहा है, "पारदर्शिता और राजनीतिक भागीदारी लोकतंत्र का स्तंभ है और हमें उम्मीद है कि भारत सरकार इन सिद्धांतों का पालन करेगी। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के पास मौक़ा है कि वह दिखाए कि उसके लिए सभी नागरिक महत्वपूर्ण हैं। "
पेरिस स्थित काला धन रोकने के लिए बने संगठन FATF ने अपनी फ्लोरिडा मीटिंग के दौरान कहा था कि पाक उसके द्वारा निर्देशित कदमों को उठाने में असफल रहा है। अब पाक के पास आतंकियों तक पहुँच रहे पैसों को रोकने के लिए अक्टूबर तक का ही समय है, जिसके बाद उसे काली सूची में डाला जा सकता है।
अमेरिका 12 घंटे के भीतर दो-दो भीषण हमलों से दहल उठा है। इस बार ओहायो राज्य के डेटन शहर में संदिग्ध बंदूकधारी ने हमला कर 9 लोगों को मार डाला है, और 16 अन्य को घायल कर दिया है। हमलवार को...
माना जाता है कि हमजा 1989 में सऊदी अरब के जेद्दा में पैदा हुआ था। वह लादेन के 20 बच्चों में से 15वां बेटा था। वह लादेन की तीसरी बीवी से पैदा हुआ था। उसका निकाह अल-कायदा आतंकी अब्दुल्लाह अहमद अब्दुल्लाह की बेटी से हुआ था।
अमेरिकी विदेश मंत्री, माइकल पोम्पेओ ने उइगरों को क़ैद रखने की चीन की नीति को 'सदी का दाग' भी कहा। विदेश विभाग का अनुमान है कि 8 लाख उइगरों समेत 20 लाख तुर्क मुस्लिमों को बीजिंग ने आंतरिक शिविरों में “re-education” के नाम पर क़ैद कर रखा है।
सोमवार को इमरान की मुलाक़ात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में होनी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि ट्रंप आतंकवाद के मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई के लिए
इमरान पर दबाव बना सकते हैं।
अपने तीखे हमलों के लिए अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया में जाने जाने वाले ट्रम्प ने इन्हें नज़रंदाज़ करने की बात करते हुए कहा, "ये इतने मूर्ख हैं कि इन्हीं के लिए शैम्पू की बोतल जैसी सरल चीज़ पर भी इस्तेमाल करने का तरीका लिखा जाता है।"