"आपने अमित शाह को सलाह दी कि वो अपने नाम से 'शाह' उपनाम हटा लें। आपने कहा कि ये फ़ारसी शब्द है। आपने ये भी कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गठन मुस्लिमों पर हमला करने के लिए किया गया। आपने वीर सावरकर को देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया।"
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय 13 जनवरी को खुलने वाला है। इससे पहले वाइस चांसलर ने खुद और अपने परिवार के ऊपर जान का खतरा बताया है। उन्होंने कैंपस में फिर से हिंसा की आशंका जताई है।
AMU में विरोध प्रदर्शन के नाम पर एक बार फिर आपत्तिजनक नारे लगाए जाने का मामला सामने आया है। अलीगढ़ पुलिस ने इस मामले में करीब 60 छात्रों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है। भड़काऊ नारेबाज़ी करने वालों से सख़्ती से निपटने की बात कही गई है।
इन घटनाओं में एक वर्ग तो वह होता है जो सुनियोजित ढंग से शामिल होता है और एक वर्ग वह होता है जो कि जाने-अनजाने में घटनाओं में शामिल तो हो जाता है लेकिन इसके बाद कानूनी कार्यवाई में फँसने के बाद वह अपने आप को निर्दोष बताते हुए पहले तो दर-दर की ठोकरें खाता है और फ़िर अपनी ही आँखों से अपने भविष्य को चौपट होते हुए भी देखता है।
CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान भीड़ को इनलोगों ने हिंसा और पुलिस पर हमले के लिए उकसाया था। FIR में एएमयू छात्र संघ अध्यक्ष सलमान इम्तियाज का भी नाम है। उसके अलावा पॉंच पूर्व छात्र ऐसे हैं जिनका आपराधिक अतीत रहा है।
द वायर के संस्थापक की पत्नी, औरंगजेब परस्त इतिहासकार और द टेलिग्राफ ने दावा किया था कि अलीगढ़ पुलिस ने प्रदर्शन में भड़की हिंसा रोकने के लिए हथगोलों का इस्तेमाल किया। जबकि......
जिस वाइस चांसलर तारिक मंसूर ने इस नियुक्ति को मंजूरी दी है उन्हें रविवार को अलीगढ़ में इंटरनेट सेवाओं की बहाली के तुरंत बाद, शिक्षकों, छात्रों और ग़ैर-शिक्षण कर्मचारियों ने निष्कासित कर दिया था। कहा था कि जब तक वे कैंपस छोड़कर नहीं जाते विश्वविद्यालय प्रशासन का बहिष्कार किया जाएगा।
"वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार से अनुरोध है कि वे वीसी लॉज और रजिस्ट्रार के लॉज को खाली कर दें। सभी लोग तब तक विश्वविद्यालय प्रशासन का बहिष्कार करेंगे, जब तक यह दोनों अपना इस्तीफ़ा नहीं दे देते और कैंपस छोड़कर चले नहीं जाते।"
लखनऊ में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में गुरुवार को जमकर हिंसा हुई। इसमें उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों पर जमकर पथराव किया, उनपर काँच की बोतलें बरसाईं। दंगाईयों की भीड़ शहर के मुख्य इलाकों में घुस गई और जमकर आगजनी व पथराव किया।
"मोटा भाई सबको हिंदू-मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं, लेकिन इंसान नहीं। जब से आरएसएस अस्तित्व में आया है तब से वे संविधान में यकीन नहीं रखते। कैब से मुस्लिम दूसरी श्रेणी का नागरिक होगा और बाद में उसे एनआरसी लागू करके उसका शोषण किया जाएगा।"