Thursday, April 25, 2024
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AMU में दंगा करने वाले 12 की हुई पहचान: लगेगा गुंडा एक्ट, 6 महीने के लिए होंगे तड़ीपार

आरोपितों में शामिल हुज़ैफ़ा आमिर एएमयू छात्र संघ का सचिव रहा है। हमजा सूफ़िया छात्र संघ का उपाध्यक्ष रहा है। हमजा और हुज़ैफ़ा को एएमयू ने 5 सालों के लिए निकाल दिया गया था, क्योंकि उन्होंने वीसी ऑफिस में दंगा किया था।

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के नाम पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में हिंसा भड़काने वाले 12 लोगों की पुलिस ने पहचान कर ली है। इन पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। प्रशासन इन्हें 6 महीने के लिए जिलाबदर करने की तैयारी में भी है। इनमें एएमयू छात्र संघ का अध्यक्ष सलमान इम्तियाज भी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार इनमें पॉंच पूर्व छात्र हैं और इनका आपराधिक अतीत भी रहा है।

इन लोगों पर भीड़ को उकसाने और पुलिस पर हमला करने के लिए भड़काने का आरोप है। घटना 15 दिसंबर की है। सीसीटीवी फुटेज को खॅंगालने के बाद पुलिस ने इनकी पहचान की है। फुटेज एएमयू प्रशासन ने मुहैया कराए थे। पुलिस ने बताया कि इनमें से पॉंच पूर्व छात्र हैं। इन्हें जिले की शांति के लिए खतरा बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि इनका आपराधिक रिकॉर्ड है। अलीगढ़ के एसएसपी आकाश कुल्हाड़ी ने बताया, “मैंने डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को पत्र लिखकर इनके खिलाफ गुंडा एक्ट की तहत कार्रवाई करने की इजाजत मॉंगी है। इन्हें छह महीने के लिए जिलाबदर भी किया जा सकता है।”

आरोपितों में शामिल हुज़ैफ़ा आमिर एएमयू छात्र संघ का सचिव रहा है। हमजा सूफ़िया छात्र संघ का उपाध्यक्ष रहा है। नदीम अंसारी, आमिर, मिंटो और उस्मानी- इन पाँचों के अलावा एएमयू स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज़ का नाम भी एफआईआर में शामिल किया गया है। हमजा और हुज़ैफ़ा को एएमयू ने 5 सालों के लिए निकाल दिया गया था, क्योंकि उन्होंने वीसी ऑफिस में दंगा किया था। उन पर जुलाई 2019 में ही ये कार्रवाई की गई थी। दोनों ने यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों के साथ भी दुर्व्यवहार किया था।

ज्ञात हो कि 15 दिसंबर को रात आठ बजे एएमयू में अचानक छात्रों ने पथराव और फायरिंग शुरू कर दी थी। उपद्रवी छात्र जामिया में हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में उग्र हो गए थे। दंगाई छात्रों के उपद्रव के कारण डीआइजी समेत कई पुलिस अधिकारियों को चोट लगी थी। पुलिस को दंगाई छात्रों को रोकने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे और लाठीचार्ज करना पड़ा था। इस मामले में पुलिस ने 78 नामजद व 1300 अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। अब पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

हिंसा वाले दिन प्रॉक्टर की टीम मान-मनव्वल करती रह गई थी लेकिन एएमयू के छात्र गेट तोड़ कर बाहर आ गए थे। उन्होंने पुलिस के साथ झड़प करने के लिए ऐसा किया था। पुलिस ने छात्रों को ग़ैर-क़ानूनी कार्य करने से रोकने के लिए मिन्नतें की लेकिन छात्र लगातार पत्थरबाजी करते रहे। उपद्रवी छात्रों ने पुलिस का बैरिकेड भी तोड़ डाला था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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