राम मंदिर निर्माण को लेकर बैठक हुई। सभी संतों ने मंदिर के निर्माण में देरी न हो, इसे लेकर एकमत राय दी। बैठक में कहा गया कि इस विषय पर फैसला लेने का यह सही समय है, क्योंकि राम के नाम पर ही सरकार बनी है।
भगवान श्रीराम की प्रतिमा 151 मीटर ऊँची होगी, 50 मीटर ऊँचे पैडस्टल और 20 मीटर ऊँचे छत्र के बाद प्रतिमा की कुल ऊँचाई 221 मीटर हो जाएगी। 50 मीटर ऊँचे पैडस्टल के अंदर ही अत्याधुनिक म्यूज़ियम भी बनाना तय हुआ है।
अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप लोग इस देश को शांति से नहीं रहने देंगे, कोई न कोई हमेशा उकसाता रहता है। इलाहाबाद HC ने याचिकाकर्ता पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया था। सुप्रीम कोर्ट ने उस जुर्माने को भी हटाने से इनकार किया।
पहले तो ऐसे मसलों पर बात ही नहीं होनी चाहिए, और अगर हो भी रही है तो खुदाई में निकले मंदिर और बक्सों में बंद सबूतों को बाहर लाकर, उस पर निर्णय हो, न कि दलाली से, जिसके लिए आपने मीडिएशन और मध्यस्थता जैसे सुनने में अच्छे लगने वाले शब्द बना दिए हैं।
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा, "मंदिर एक दिन में नहीं बनेगा, लेकिन जब शुरू होगा तभी तो बनेगा। इसलिए 21 फरवरी को शिलान्यास के जरिए मंदिर का निर्माण शुरू होगा।"