बंगाल की खाड़ी में स्थित यह द्वीप 20 साल पहले ही उभरकर सतह पर आया था। बरसात के मौसम में इसके डूबने का खतरा बना रहता है। पिछले दिनों 66 रोहिंग्या अंडमान में घुसते पकड़े गए थे।
24 वर्षीय पीड़िता के घर में रात के वक्त मकान मालिक मोहम्मद कलाम 4-5 लोगों के साथ घुस आया और किराया मॉंगने लगा। किराया नहीं मिलने पर पीड़िता के पति को एक कमरे में बंद कर दिया। फिर महिला के साथ बलात्कार किया और उसके गहने छीनकर ले गए।
बांग्लादेशियों द्वारा BSF के जवानों को निशाना बनाने का ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले पश्चिम बंगाल में तो बांग्लादेशियों ने एक जवान के हाथ पर बम फोड़ दिया था, जिससे अनीसुर रहमान नामक बीएसएफ जवान का हाथ कोहनी से फटकर ही नीचे गिर गया था।
महिला का अपहरण जबरन इस्लामी धर्मान्तरण कराने के मकसद से किया गया। ये घटना तब हुई, जब वह अपने पिता के घर गई थी। उसका अपहरण करने वाले तीनों आरोपित हैं- मोहम्मद नाहिद हसन, मोहम्मद नसीर हैदर और मोहम्मद सबुज।।
रोजाना 300-400 लोग भारत से बांग्लादेश लौट रहे हैं। अधिकांश लोगों ने वहॉं की एजेसियों को बताया है कि वे काम के सिलसिले में अरसे से भारत में रह रहे थे। इनके पास से भारतीय पहचान पत्र भी बरामद हुए हैं।
हिंसा में शामिल बांग्लादेशी घुसपैठिए सीमापुरी में छिपकर रह रहे थे। जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के दौरान जमकर उत्पात मचाया गया था। उपद्रवियों ने पुलिस पर हमले भी किए थे।
बीजीबी के महानिदेशक ने बताया है कि 2019 में अवैध रूप से सीमा पार करने पर 1000 लोगों को बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया। इनमें 445 नवंबर-दिसंबर में आए। पहचान कराने पर सभी घुसपैठियों के बांग्लादेशी होने की बात सामने आई।
"मेरी माँ ने 'डायरेक्ट एक्शन डे' के दौर को तब देखा था, जब वह एक बच्ची थीं और उन्हें गहरा आघात पहुँचा था। उन्होंने देखा था कि पार्क सर्कस में अपने घर के पास मुसलमानों द्वारा एक हिन्दू को कैसे मार दिया गया था।"