असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी की आशिकी लैला-मजनू जैसी है। जब इनकी दास्तां लिखी जाएगी तो मोहब्बत की जगह नफरत लिखी जाएगी। उसमें लिखा जाएगा कि जब से ये दोनों साथ आए हैं, हिंदुस्तान में हिंदू-मुस्लिम तनाव में हैं।
अगर बिहार में सच में गुंडे बचे होते, और उनमें थोड़ा भी ज़मीर होता तो तुम्हें सड़क पर पटक कर, तुम्हारी बाँह पर वही गोद देते, जो अमिताभ के हाथ पर किसी ने गोदा था, "मेरा बाप चोर है।"
चैती छठ में खासा धूम-धाम देखने को नहीं मिलता है। जबकि कार्तिक छठ में ज्यादा चहल-पहल होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कम ही व्रती चैती छठ करते हैं। गरमी के कारण कार्तिक छठ से ज्यादा मुश्किल होता है चैती छठ करना।
हुआ यूँ कि बिहार की औरंगाबाद सीट से कॉन्ग्रेस सांसद निखिल कुमार ने टिकट की माँग की थी, लेकिन पार्टी ने महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के उपेंद्र प्रसाद को चुनावी मैदान में उतराने का फैसला लिया है।
इस मामले में पुलिस ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए वीडियो क्लिप के आधार पर आरोपियों की शिनाख्त शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार आरोपियों की पहचान होते ही उन पर एफआईआर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
"राजद के स्वार्थी नेताओं के सफाए के लिए मैंने 'लालू-राबड़ी' मोर्चा बनाया है। तेजस्वी यादव समझदार हैं लेकिन उन लोगों की वजह से उनके आँखों पर पर्दा आ गया है। मेरी माँ राबड़ी देवी को भी सजग रहने की ज़रूरत है। मेरी बातें सभी लोगों को बाद में समझ आएँगी।"
लालू यादव के समय उनके आस-पास रघुनाथ झा, रघुवंश प्रसाद, अखिलेश सिंह और सीताराम सिंह जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता संकटमोचक के रूप में हुआ करते थे जो पार्टी में किसी भी तरह की स्थिति को संभालने की ताक़त रखते थे। आज पार्टी को इनकी कमी खल रही है।
आज बिहार औरतों की मुक्ति की प्रस्तावना लिखने जा रहा है। यह 'मौन-क्रांति' ही है, जो अब किसी भी बिहार की बेटी को दहेज और घरेलू -हिंसा के खातिर आत्महत्या के दहलीज तक नहीं पहुँचने देगी।
गया में नक्सलियों ने भाजपा नेता और पूर्व जदयू विधान पार्षद अनुज कुमार सिंग के पैतृक आवास को डायनामाइट लगाकर उड़ा दिया। इस घटना के पूर्व नक्सलियों ने पहले अनुज कुमार के भाई अजय सिंह को जगाया और फिर उन्हें कब्जे में लेकर भाजपा नेता के घर की चाभी ले ली।
दोनों युवक पिछले 11 दिनों से गया शहर में रह रहे थे और ये सीरिया जाकर आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल होना चाहते थे। इसके साथ ही वो बौद्ध धार्मिक स्थलों पर आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए रेकी भी कर रहे थे।