ये पहली बार नहीं है जब प्रवेश वर्मा ने इस मुद्दे को सार्वजनिक तौर पर उठाया। इससे पहले वे इस संबंध में 18 जून को दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र लिख चुके हैं। उस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया था कि देश की राजधानी में कई मस्जिदों का निर्माण सरकारी जमीन पर अवैध रूप से किया गया है।
“ये मुट्ठी भर लोग, केवल एक परसेंट लोग, हमारा पैसा, देश का पैसा, टैक्स का पैसा खाकर, मुर्दाबाद करेंगे? योगी और मोदी को तुम जिंदा दफन करोगे? मैं तुम्हें जिंदा दफन कर दूँगा। मोदी-योगी देश और प्रदेश को चलाएँगे और ऐसे ही चलाएँगे, जैसे चला रहे हैं।”
BJP राज्य सचिव एके नजीर पर एक मस्जिद के अंदर घातक हमला किया गया। वह 'जन जागृति’ रैली में शामिल होकर CAA पर लोगों को जागरुक कर रहे थे। इस रैली के तुरंत बाद वो मस्जिद में नमाज़ के लिए गए। यहीं पर घात लगाए लोगों ने...
“भारत में दो करोड़ मुस्लिम घुसपैठिए हैं। अकेले पश्चिम बंगाल में एक करोड़ घुसपैठिए हैं। तुम यहाँ आते हो, हमारा खाना खाते हो, यहाँ रहते हो और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाते हो। क्या यह तुम्हारी जमींदारी है? हम तुम्हें लाठियों से मारेंगे, गोली मारेंगे और तुम्हें जेल में डाल देंगे।”
एनआरसी और सीएए पर विपक्ष खासकर कॉन्ग्रेस का दोहरा चरित्र जगजाहिर है। बॉलीवुडिया गैंग के विरोध की भी वजहें निजी हैं। अनुराग कश्यप भी सरकारी खैरात बंद होने की वजह से ट्रोलबाज बने हैं। पढ़िए, वो पत्र जो उनकी पोल खोलता है।
तरुण गोगोई का कहना है कि बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए वैकल्पिक राजनीतिक दल वक्त की जरूरत है। इस संबंध में आसू का प्रस्ताव सामने आने के बाद उन्होंने यह बात कही है।
2017-18 की तुलना में कॉन्ग्रेस पार्टी के चुनावी बॉन्ड की बात करें तो यह 5 करोड़ रुपए से बढ़कर साल 2018-19 में 383 करोड़ रुपए पर पहुँच गई है। सभी पार्टियों ने अपनी-अपनी ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंप दिया है, वहीं से यह डेटा लिया गया है।
"आखिरी फैसला प्रधानमंत्री मोदी और सुशील मोदी ही लेंगे। लेकिन अब भाजपा अकेले चुनाव जीतने में सक्षम है। राज्य में बीजेपी किसी भी अन्य राज्य से और यहाँ के अन्य दलों में से सबसे मजबूत और सक्रिय पार्टी है। सुशील मोदी और नित्यानंद राय CM बन सकते हैं।"
कैलाश विजयवर्गीय ने वीडियो जारी कर कहा था कि दासगुप्ता का घेराव करने वालों में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SFI) और TMC के गुंडे शामिल थे। दासगुप्ता के व्याख्यान कार्यक्रम की जगह SFI, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) छात्रसंघ के विरोध के कारण पहले से ही बदल दी गई थी, बावजूद इसके उन्हें छात्रों ने बंधक बना लिया था।
अवॉर्ड वापसी गैंग के मार्गदर्शक मंडल में शामिल मुनव्वर राना को ख़ूब पता है कि दस्तारें बनाने वाले अब पत्थर चलाने लगे हैं। राना अब 'माँ' को छोड़ कर 'मर्दानगी' जाँचने पर उतर आए हैं। उनके अंदर का 'मुसलमान' बिलबिला रहा है। उनका लॉजिक है- मुस्लिम ज़्यादा वफ़ादार हैं क्योंकि उन्हें दफनाया जाता है।