अपनी अस्वस्थता के कारण ही जेटली ने मोदी सरकार की दूसरी कैबिनेट में शामिल होने से मना कर दिया था। इसको लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी थी।
कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में पार्टी के चीफ व्हिप रहे भुवनेश्वर कलीता भी बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। अनुच्छेद 370 पर कॉन्ग्रेस के रुख के विरोध में उन्होंने सोमवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
कॉन्ग्रेस के विरोध को लेकर नकवी ने कहा, "यह नया नहीं हैं। जब सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट में एयर स्ट्राइक हुआ था तब पाकिस्तान के साथ-साथ यहॉं भी कुछ लोग इसके सबूत मॉंग रहे थे। कॉन्ग्रेस के लोगों की यह हालत देख निराशा होती है।"
BJP नेता आकाश का दावा है कि आजम खान रामपुर के लोगों को झूठी कहानी सुनाते हैं। उन पर आपातकाल के दौरान आंदोलन में भाग लेने की वजह से कार्रवाई नहीं हुई थी। बल्कि उनके अमर्यादित आचरण के कारण उन्हें AMU से निष्कासित कर दिया गया था।
जब 1977 में जॉर्ज फर्नांडीस ने जेल से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन भरा तो सुषमा ही दिल्ली से मुजफ्फरपुर पहुॅंचीं और हथकड़ियों में जकड़ी जॉर्ज की तस्वीर दिखा प्रचार किया। उन दिनों 'जेल का फाटक टूटेगा, जॉर्ज हमारा छूटेगा' का उनका दिया नारा सबकी ज़ुबान पर था।
सुषमा स्वराज ने ट्विटर डिप्लोमेसी का दरवाजा खोला। ट्विटर पर सक्रिय रहते हुए लोगों की मदद करना इतना चर्चित हुआ कि वाशिंगटन पोस्ट ने उन्हें 'सुपरमॉम ऑफ द स्टेट' कहा। उनके देहांत के साथ ही भारतीय राजनीति का एक शालीन अध्याय समाप्त हो गया है।
कई राजनेताओं ने केंद्र सरकार के निर्णय को सही ठहराते हुए कहा कि ये भारत की क्षेत्रीय संप्रभुता और उसके लोगों के कल्याण के हित में लिया गया फैसला है। हालाँकि, इनमें से सभी नेता अपनी पार्टी के रुख का खुलकर विरोध नहीं कर रहे हैं।
"प्रदेश बोर्डों में अलग पाठ्यक्रम होने के कारण मेडिकल और इंजीनियरिंग के दाखिले की परीक्षाओं में ग्रामीण इलाकों के बच्चे स्पर्धा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए पूरे देश में एक बोर्ड होना चाहिए ताकि सभी बच्चे एक तरह की पढ़ाई करें और सबको बराबर का मौका मिले।"
'हमने सिर्फ एक किताब फाड़ा है।' यानी कि उनके अनुसार देश के संविधान की प्रति उनके लिए महज एक किताब है। उनका कहना है कि संविधान उन्होंने नहीं, बल्कि भाजपा ने फाड़ा है।
अनुच्छेद 370 में किए गए बदलाव पर जहाँ पूरा देश जश्न मना रहा है, वहीं पश्चिम बंगाल में लोगोंं को हिरासत में लिया गया। पुलिस ने सिलीगुड़ी में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष कंचन देबनाथ और महामंत्री समेत 5 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है।