साकेत ने ट्वीट कर दावा किया था कि उसे 'देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को' नारे के साथ रैली की अनुमति मिली है। बिना पुष्टि के कई मीडिया हाउस ने इसे हवा दी। इनमें प्रोपेगेंडा साइट द वायर से लेकर कॉन्ग्रेस मुखपत्र नेशनल हेराल्ड तक शामिल है।
इस रैली में न सिर्फ़ शरजील इमाम के समर्थन में नारे लगाए गए बल्कि जम्मू कश्मीर की 'आज़ादी' की भी बात कही गई। 'राजीव तेरे सपनों को, रावण तेरे सपनों को, पायल तेरे सपनों को- हम मंज़िल तक पहुँचाएँगे' जैसे भड़काऊ नारे लगाए गए।
मास्टरमाइंड शरजील इमाम पर शिकंजा कसने के बाद शाहीन बाग के उपद्रवी विरोध-प्रदर्शन बंद करने बहाना ढूँढ रहे हैं। हिन्दू सेना की धमकी, जामिया नगर फायरिंग और शाहीन बाग़ फायरिंग का हवाला दे लोगों से जमा होने का कहा जा रहा है।
सज्जाद ने शरजील इमाम का भी बचाव किया था। देशद्रोह के आरोपित शरजील को राष्ट्रवादी बताया था। कश्मीरी छात्र नेता सज्जाद ने पुलवामा आतंकी हमले के समय पूछा था कि कहीं इसके पीछे अपनी ही एजेंसियों का तो हाथ नहीं?
वरुण ग्रोवर और अनुराग कश्यप जैसों की नज़र अब देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक पर है। उसे धीमे-धीमे बर्बाद करने की साज़िश रची जा रही है। IIT बॉम्बे को चंद वामपंथी प्रोफेसरों व छात्रों ने बंधक बना लिया है। रवीश कुमार व अन्य वामपंथी मीडिया उनका समर्थन कर रहे हैं।
ऑपइंडिया ने अपनी ख़बर में दिवंगत नीरज के परिजनों के हवाले से बताया था कि झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार पीड़ित परिवार पर लगातार दबाव बना रही है कि वो मीडिया व पुलिस में कहें कि नीरज प्रजापति की मौत बाथरूम में फिसलने के कारण हुई। अमित मालवीय ने भी इस आरोप की पुष्टि की है।
आरोपित कहता दिख रहा है कि हमारे देश में किसी की नहीं चलेगी, सिर्फ़ हिन्दुओं की चलेगी। पुलिस ने आरोपित को हिरासत में ले लिया है। कहा जा रहा है कि आरोपित ने शाहीन बाग़ के उपद्रवियों को वहाँ से जाने व विरोध प्रदर्शन स्थगित करने की चेतावनी दी थी। लेकिन, वे नहीं माने।
“मैं गाँव का रहने वाला हूँ। मैं जब मदद करता हूँ तो मर्दानगी से करता हूँ। मैंने तो शाहीन बाग वालों की भी मदद कर रखी है। शाहीन बाग बाले मुझे रोज फोन करते हैं।”
राहुल रौशन ने यह ट्वीट लेफ्ट लिबरल गिरोह के पत्रकारों पर व्यंगात्मक शैली में किया था। लेकिन अनुराग कश्यप ने मानो तय कर लिया था कि उन्हें जलील होना ही है। इसलिए व्यंग्य को न समझते हुए भी उन्होंने निशाना साधा लेकिन तीर उल्टा...
उसने मस्जिदों में भड़काऊ पर्चे बँटवाए थे। उसने सीएए और एनआरसी को लेकर कई पैम्पलेट तैयार किए थे, जिनमें भयभीत करने वाली भड़काऊ बातें लिखी हुई थी। उन पर्चों की प्रति भी जब्त कर ली गई है और उस दुकान को भी चिह्नित कर लिया गया है, जहाँ उन्हें छपवाया गया था।