Sunday, July 13, 2025
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बुर्का पहन भड़का रहा था AMU का छात्र नेता सज्जाद, पुलिस पहुँची तो महिलाओं के बीच छिपा, फिर भाग गया

पुलिस ने जब सज्जाद को रोका तो वो महिलाओं के बीच पहुँच कर बुर्के में प्रदर्शन करने लगा। प्रदर्शन के दौरान ही सज्जाद अपनी फेसबुक पेज पर लाइव हो गया और उसने वहाँ उपस्थित प्रदर्शनकारी महिलाओं को उकसाना शुरू कर दिया।

अलीगढ़ के शाहजमाल में नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) के विरोध में कई दिनों से प्रदर्शन चल रहा है। दिल्ली के शाहीन बाग़ की तर्ज पर वहाँ भी महिलाओं को बिठा दिया गया है, ताकि मीडिया का अटेंशन पाया जा सके। ये विरोध-प्रदर्शन करीब पाँच दिनों से जारी है। शनिवार (फ़रवरी 1,2020) की शाम प्रदर्शनकारी महिलाएँ तिरंगे का टेंट बना कर उसके नीचे धरना देने को अड़ गईं। हालाँकि, पुलिस ने समय रहते उनकी इस चाल को नाकामयाब कर दिया, क्योंकि इससे शांति-व्यवस्था भंग होने की आशंका थी।

इस दौरान महिलाओं व पुलिस के बीच तीखी झड़प भी हुई। पुलिस ने टेंट को जब्त कर लिया और महिलाओं को शांति के साथ प्रदर्शन करने की सलाह दी। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने पुलिस को घेरने की भी चेष्टा की। इससे पहले शुक्रवार को धरनास्थल पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष सज्जाद सुभान पहुँच गया। इस दौरान सज्जाद ने बुर्का पहन कर महिलाओं के प्रदर्शन में शिरकत की। सज्जाद ने टेंट लगाने और माइक फिट करने में प्रदर्शनकारियों की मदद की।

इसके बाद सज्जाद ने वहाँ भाषण देना शुरू कर दिया। पुलिस ने जब सज्जाद को रोका तो वो महिलाओं के बीच पहुँच कर बुर्के में प्रदर्शन करने लगा। प्रदर्शन के दौरान ही सज्जाद अपनी फेसबुक पेज पर लाइव हो गया और उसने वहाँ उपस्थित प्रदर्शनकारी महिलाओं को उकसाना शुरू कर दिया। वो वहाँ उपस्थित लोगों को भड़का रहा था। स्थिति बिगड़ती देख जब पुलिस उसे गिरफ़्तार करने पहुँची तो वो साथियों सहित भाग खड़ा हुआ। पुलिस ने इस प्रदर्शन को लेकर 600 अज्ञात के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है।

शुक्रवार की देर रात वहाँ छात्र नेता सलमान इम्तियाज भी आ धमका। बाद में वो भी पुलिस के डर से भाग खड़ा हुआ। जब बुरका वाले वीडियो को लेकर सज्जाद से सवाल किया गया तो उसने कहा कि ये वीडियो उसका नहीं है, किसी और का है। धरणास्थल पर महिलाएँ नमाज भी पढ़ रही हैं। आसपास उनके घर के पुरुष खड़े रहते हैं, जो उन्हें निर्देशित करते हैं।

इससे पहले सज्जाद ने शरजील इमाम का भी बचाव किया था। राजद्रोह के आरोपित शरजील को सज्जाद ने राष्ट्रवादी बताया था। कश्मीरी छात्र नेता सज्जाद ने पुलवामा आतंकी हमले के समय पूछा था कि कहीं इसके पीछे अपनी ही एजेंसियों का तो हाथ नहीं? उसने आतंकियों के समर्थन में ट्वीट करने वाले छात्र वसीम बिलाल का भी बचाव किया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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