इस बिल पर शिवसेना का रुख जानना इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने के बाद से ही सबकी नजर उनके फैसले पर टिकी थी। एक साल पहले जब ये विधेयक लोकसभा में पेश हुआ था, तब शिवसेना ने पूरी तरह से...
"नागरिकता संशोधन विधेयक से ध्यान हटाने के लिए बलात्कार और हत्या की वारदातें कराई जा रही हैं। ये सभी आपराधिक घटनाएँ पूर्व नियोजित हैं। इसकी साज़िश पहले ही रच ली गई थी। यह विधेयक हद से ज्यादा ख़तरनाक है।"
उच्च सदन में ममता बनर्जी की तृणमूल में 13 सदस्य हैं। समाजवादी पार्टी में 9 हैं, डीएमके के पास 5, RJD और बसपा दोनों के पास 4-4 सांसद हैं, और अन्य छोटे दलों को मिलाकर यह संख्या 100 तक पहुँच रही है। ऐसे में BJP के पास...
शिवसेना ने 'सामना' के जरिए पूछा कि क्या भारत में पहले से समस्याओं की कमी थी जो CAB के रूप में एक नई समस्या खड़ी कर दी गई है? शिवसेना ने दावा किया कि उत्तर-पूर्वी राज्यों के अलावा बिहार में भी इस विधेयक का विरोध हो रहा है, जहाँ भाजपा सत्ता में है।
ममता ने मालदा में महिला को जलाकर मारे जाने की घटना की पुष्टि की है। इस मामले का जब लोकसभा में स्मृति ईरानी ने जिक्र किया था तो टीएमसी के सांसद हंगामा करने लगे थे।
हर भारतीय को भारत के नजरिए से बने वैध नक्शे को देखने की जरूरत है न कि पाकिस्तान-चीन के प्रोपेगेंडा वाले नक्शे को ध्यान में रख कर राजनीति करने की! लेकिन PFI तो इस्लामिक संगठन है, उसे तो पाकिस्तान में सब कुछ 'पाक' दिखता है इसलिए POK भी पाकिस्तान में मिला देना चाहता है।
बिरेन सिंह ने कहा "यह केंद्र सरकार के माध्यम से किया जाएगा। असम यह उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कर रहा है। इसलिए हम केंद्र सरकार से इसे करने के लिए अनुरोध कर रहे हैं।"
अफ़गानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म को मानने वाले अल्पसंख्यक समुदाय को 12 साल के बजाय छह साल भारत में गुजारने पर और बिना उचित दस्तावेज़ों के भी भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी।
मतुआ समुदाय की मार्गदर्शिका वीणापाणि देवी ठाकुर के निधन के साथ ही बंगाल का चुनावी गणित बदलता नज़र आ रहा है। एक पत्र में उन्होंने नागरिकता विधेयक को लेकर ममता बनर्जी की आलोचना की थी। 1.5 करोड़ की जनसंख्या वाला मतुआ समुदाय वैष्णव सम्प्रदाय का हिस्सा है।