पुलिस से हुई पूछताछ के दौरान इसरार ने बताया कि वो मध्यप्रदेश के बुरहानपुर के किसी जीत नाम के व्यक्ति से अवैध हथियार खरीदता था और फिर अपने आदमियों के जरिए दिल्ली और यूपी में इसका सप्लाई किया करता था।
आयोग ने अदालत को सूचित किया कि कथित चिकित्सा परीक्षणों से यह साबित हो गया था कि दोनों लड़कियाँ नाबालिग नहीं थी क्योंकि उनमें से एक 18 और दूसरी 19 वर्ष की थीं, इसलिए उन्हें नाबालिग नहीं कहा जा सकता।
नाबालिग लड़की की माँ ने शिक़ायत दर्ज कराई थी कि उसकी 17 वर्षीय बेटी का बलात्कार उसके देवर द्वारा कई बार किया गया था। नाबालिग लड़की के साथ बलात्कार करने के वाले चाचा को अगले दिन उल्लाल पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया।
अनीस ने बच्चों को विश्वास दिलाने के लिए झूठ कहा कि आसमाँ की तबियत ख़राब थी और इसी कारण वो नीचे गिर गईं। उसने अपनी बीवी के पेट में जोर का दर्द होने का बहाना बनाया। जब डॉक्टरों ने मृत शरीर के गर्दन पर गला दबाने का निशान पाया, तब मामले का ख़ुलासा हुआ।
नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेन्ट्स एंड स्टूडेन्ट्स राइट्स (NAPSR) के सदस्यों ने देहरादून के जिलाधिकारी से मुलाकात कर स्कूल की मान्यता रद्द करने की माँग की है। NAPSR ने माँग की है कि स्कूल की जाँच कर वैधानिक तरीके से कार्रवाई की जाए।
एक राजस्थानी दंपति की बेटी का मोहम्मद रोशन के नेतृत्व में एक गिरोह द्वारा कथित रूप से अपहरण कर लिया गया था। 18 मार्च की रात 10 बजे के आसपास एक किराए की कार में लड़की के माता-पिता की पिटाई की गई थी और उसके बाद नाबालिग लड़की का अपहरण कर लिया गया था।
ख़बर के अनुसार, 11 जून 2017 को मुस्तफ़ा का अपनी प्रेमिका से किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। यह आपसी विवाद इतना बढ़ गया कि मुस्तफ़ा ने अपनी प्रेमिका के गाल पर तीन तमाचे जड़ दिए और उसकी जांघ पर दो बार लात भी मारी।
10 मार्च को सभी बच्चे चर्च गए हुए थे, जब इस हत्या को अंजाम दिया गया। अकादमी संचालक स्टीफेन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिस से पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। स्कूल और डॉक्टरों ने शुरुआत में इसे फ़ूड पॉइज़निंग का मामला बता कर रफ़ा-दफ़ा करने की कोशिश की।