आरोपित के दादा सुरेंद्र कुमार अग्रवाल का नाम एक शूटआउट में भी आया था, जिसकी FIR बंड गार्डन थाने में दर्ज की गई थी। बाद में मामला CBI के पास चला गया था।
ऑपइंडिया से बात करते हुए अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने पूछा कि पुलिस ने FIR में 304 की जगह कमजोर धारा 304A क्यों लगाई? उन्होंने कहा कि इस मामले में गलत संदेश गया है, अगर भीड़ ने न्याय व्यवस्था पर भरोसा करने की बजाए खुद हिंसा करना शुरू कर दिया तो ये ठीक नहीं होगा।