AAP अभी तक 51 सीट और बीजेपी 19 सीट पर आगे चल रही है। हालाँकि, चुनाव आयोग के आधिकारिक रुझानों के मुताबिक फिलहाल बीजेपी और आम आदमी पार्टी 10-10 सीट पर आगे चल रही हैं।
2014 में मोदी की लोकप्रियता भुना कर अपना उल्लू सीधा करने के बाद प्रशांत किशोर बिहार पहुँचे। मीडिया ने ऐसा प्रचारित किया कि वो राजनीति 'चाणक्य' हो गए हैं और उनसे बड़ा चुनावी रणनीतिकार कोई है ही नहीं। अब सवाल उठता है कि क्या उन्होंने मीडिया को बड़े स्तर पर मैनेज किया?
एग्जिट पोल्स के दावों के बावजूद AAP की हालत पस्त नज़र आ रही है। उसे किसी भी एग्जिट पोल्स पर भरोसा नहीं हो रहा है। वहीं बीजेपी के इस दावे ने कि वह सरकार बनाने जा रही है। केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी की नींदें उड़ा दी है।
इस दौरान पाकिस्तान को अन्य देशों से समर्थन न मिल पाने का उनका दुःख भी झलका। उन्होंने कहा कि भारत का सभी देश समर्थन इसीलिए करते हैं क्योंकि वो बहुत बड़ा बाजार है और अन्य देशों को अपना बाजार खोने का डर है।
रिसर्च की मानें तो अंतिम 2 घंटों में वोटिंग प्रतिशत में जो बड़ी बढ़ोतरी हुई है, उससे भाजपा को भारी फायदा होने जा रहा है। ग्राउंड रिपोर्ट के हवाले से दावा किया गया है कि आम आदमी पार्टी और कॉन्ग्रेस को मिलने वाले वोटों में कमी आएगी।
जानकारी न हो तो ठगने में आसानी रहती है। ये गणित तीन पार्टी वाले चुनाव तक चलता है, मगर कई पार्टियों के बीच होने वाले चुनावों में नहीं, ऐसा बताए बिना अगर विश्लेषण सुनाए जाएँ तभी तो लोग देखेंगे-सुनेंगे! अगर पता हो कि इसके नाकाम होने की ही संभावना ज्यादा है तो भला न्यूज़ बेचने वाले पर भरोसा कौन करेगा?
बल्लीमारान में 71.6% मतदान दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम मतदान दिल्ली छावनी में 45.4% हुआ है। दिल्ली में मतदान के बाद शनिवार को आए एग्जिट पोल के नतीजों में AAP को आसानी से जीत मिलती दिखाई दे रही है।
सारे एग्जिट पोल्स में अपनी सरकार बनने की भविष्यवाणियों के बाद भी केजरीवाल एंड पार्टी शायद जमीनी हकीकत से वाकिफ है और इसीलिए प्रतिकूल चुनाव परिणामों के लिए ईवीएम को दोषी ठहराने के बाद अब चुनाव आयोग को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है।
ये शराब 8 तारीख को होने वाले दिल्ली चुनाव से पहले बाँटी जानी थी। बोलेरो गाड़ी में 15 पेटियाँ अंग्रेजी शराब की भरी हुई थीं। इन पेटियों में 48 पव्वे (क्वार्टर) थे, जो 'PK' की मोहर के साथ सीलबंद पाए गए। इन 15 पेटियों के अलावा भी बड़ी मात्रा में शराब दाल मिल कंपाउंड में थी, जिसे...
चुनाव बाद हुए एग्जिट पोल में कॉन्ग्रेस सत्ता की दौड़ में काफी पिछड़ती नजर आ रही है। कई एग्जिट पोल में तो कॉन्ग्रेस को एक भी सीट मिलती नहीं दिखती। ऐसी स्थिति में पीसी चाको का बयान आशावादियों के लिए एक बेंचमार्क ही समझा जाना चाहिए।