जेएनयू छात्रों के एक धड़े के प्रदर्शन के दौरान एक हैरान करने वाला वाकया हुआ। एक प्रदर्शनकारी युवती ने विजय चौक पर आईपीएस अधिकारी इंगित प्रताप सिंह के अँगूठे पर दाँत से काट लिया। दॉंत काटने वाली युवती की पहचान नहीं हो पाई है।
JNU हिंसा वाले दिन और संबंधित जगह पर जो 800 मोबाइल नंबर सक्रिय थे, उनके कॉल डिटेल और लोकेशन के आधार पर इनकी पहचान की गई है। इन 3 आरोपितों में एक महिला और दो पुरुष हैं। क्राइम ब्रांच को तीनों नकाबपोशों से जुड़ी जानकारी मिली है।
सर्वर डैमेज होने को लेकर जेएनयू प्रशासन ने एफआईआर भी दर्ज कराई थी। इसके अगले दिन गुंडे फिर से कम्युनिकेशन सेंटर में घुस गए थे और उन्होंने फिर से कर्मचारियों को भगा कर तकनिकी सिस्टम को तोड़फोड़ डाला था। जाँच में सीसीटीवी फुटेज की अहम भूमिका होगी।
दिल्ली पुलिस ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से शिकायत मिलने के बाद 2 एफआईआर दर्ज की हैं। इन एफआईआर में जेएनयू छात्र संघ प्रेसिडेंट आइशी घोष के साथ ही 19 अन्य छात्रों के नाम शामिल हैं। पुलिस जल्द ही इन छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाएगी।
दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन से 34 वर्षीय आमिर हमजा खान नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आमिर दिल्ली के जाकिर नगर का रहने वाला है। उसे सीआईएसएफ द्वारा जामिया मिलिया इस्लामिया मेट्रो स्टेशन के फ्रिस्किंग पॉइंट पर एक पिस्टल और 5 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया गया है।
हिंसा में शामिल बांग्लादेशी घुसपैठिए सीमापुरी में छिपकर रह रहे थे। जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा के दौरान जमकर उत्पात मचाया गया था। उपद्रवियों ने पुलिस पर हमले भी किए थे।
CCTV फुटेज लेने के लिए जामिया नगर के एसएचओ को यूनिवर्सिटी प्रशासन के पास भेजा गया। जब पुलिस वहाँ पहुँचीं, तब भारी संख्या में जामिया के छात्र जमा हो गए। उन छात्रों ने CCTV फुटेज देने से इनकार कर दिया। लेकिन हैरत की बात यह है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन भी साक्ष्य के तौर पर CCTV रिकॉर्डिंग देने से इनकार कर रहा है।
कट्टरपंथी इस्लामी संगठन PFI के लगभग 150 सदस्य चोरी-छिपे दिल्ली आते हैं - वो भी एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग राज्यों से दिल्ली में प्रवेश करते हैं। जामिया मिलिया इस्लामिया दंगों से ठीक 2 दिन पहले। अगले 2 दिनों तक ये सभी जामिया इलाक़े में ही कहीं छिपे रहते हैं। दंगे वाले दिन ये बाहर निकलते हैं और...
स्थानीय नेता आशु खान, मुस्तफा और हैदर का नाम भी एफआईआर में है। सीवाईएसएस के नेता कासिम उस्मानी, AISA के चंदन और एसआईओ के आसिफ तन्हा को भी आरोपी बनाया गया है।
सफदरजंग और होली फैमिली अस्पतालों में क्रमशः दो और एक 'प्रदर्शनकारी' भर्ती किए गए थे। इनमें से होली फैमिली अस्पताल में घायल प्रदर्शनकारी की चोट गोली से नहीं थी, और उसे डिस्चार्ज भी कर दिया गया है। वहीं सफ़दरजंग अस्पताल में घायल प्रदर्शनकारियों के घावों के बारे में अलग-अलग मेडिकल और पुलिस जाँच चल रही है।