बच्चों के साथ बातचीत के दौरान, यह पाया गया कि स्कूल में बच्चों ने न तो कभी 'राष्ट्रगान' गाया और न ही आधिकारिक रूप से स्वीकृत प्रार्थना 'वो शक्ति हमें दयानिधि' गाई। बच्चों ने बताया कि उन्होंने हमेशा 'लब पे आती है दुआ' का ही पाठ किया है।
गोविंद डोटासरा का कहना है कि सभी गर्ल्स स्कूलों में महिला टीचर्स को प्राथमिकता दी जाएगी। पुरुष टीचर्स को आवश्यकता के आधार पर नियुक्त किया जाएगा। राज्य सरकार के इस फ़ैसले को कई लोगों ने अपरिपक्व और बचकाना बताया है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक हैं। ऐसे में राज्य शिक्षा निदेशालय द्वारा गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों को बंद करने की पहल पर शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि किसी भी स्कूल को बंद नहीं किया जाएगा।
पीटीआई नेता ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में छात्राओं के बीच बॉंटे बुर्के। कहा इससे छेड़छाड़ से बचेंगी। पिछले दिनों प्रांतीय सरकार ने स्कूलों में बुर्का अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था। हालॉंकि विवाद होने पर इसे वापस ले लिया था।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें सुरक्षा गार्ड छात्राओं की कुर्ती की लंबाई जाँच कर उन्हें कॉलेज में प्रवेश दे रही थीं। छात्राओं से कहा गया कि यह नियम इसलिए लागू किए जा रहे हैं, ताकि उन्हें अच्छे शादी के प्रस्ताव मिल सकें।
पहले तो छात्राओं को सिर्फ़ चेतावनी दी गई कि अगर उनकी कुर्ती की 'सही लम्बाई' नहीं रही तो उन्हें कॉलेज परिसर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। लेकिन, शुक्रवार को हालात तब बिगड़ गए जब इन छात्राओं के साथ बदतमीजी की गई, उनकी कुर्ती खींची गई और उनके साथ धक्का-मुक्की हुई।
स्कूलों की पोल तब खुली, जब पैरेंट्स एसोसिएशन ने एक आरटीआई दाखिल की। 2000 से अधिक स्कूलों में फायर एनओसी का न होने का मतलब है कि 2 लाख बच्चे ख़तरे की जद में आ जाते हैं। दिल्ली सरकार किस अनहोनी के इंतजार में हाथ पर हाथ धरे बैठी है?
केंद्रीय विद्यालय ने चेन्नई क्षेत्र के अपने सभी 49 स्कूलों में पता किया लेकिन यह प्रश्नपत्र उनमें से कहीं का नहीं है। डीएमके प्रमुख ने दावा किया था कि इस प्रश्न-पत्र में मुस्लिमों के लिए भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया है।
मिर्ज़ापुर में एक सरकारी स्कूल में छात्रों को मिड डे मील के नाम पर नमक-रोटी दिए जाने की बात सामने आई थी। स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल ने इसका वीडियो बनाया था, जिसके बाद प्रशासन द्वारा उनके ख़िलाफ़ कई मुक़दमे दायर कर दिए गए।
नाम बताने से इनकार करने पर सीनियर छात्र गाली-गलौज पर उतर आए। भड़के हुए सीनियर छात्रों ने अपने अन्य साथियों को भी बुला लिया और अभद्रता की। विजय के मुताबिक प्रॉक्टर कार्यालय की टीम उनके ख़िलाफ़ ही बातें कर रही थीं।