फुटबॉल खिलाड़ी रोनाल्डो, ऑस्कर विजेता लियोनार्डो और अंतरराष्ट्रीय गायिका मैडोना और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन सहित कई बड़ी हस्तियों ने अमेज़न के जंगल में लगी आग को लेकर पुरानी फोटो शेयर की। आँकड़े बताते हैं कि 2005 और 2010 में स्थिति कई गुना ज्यादा भयावह थी।
झूठे भ्रामक ट्वीट को लेकर लोगों ने उदित राज को जम कर लताड़ लगाई। कुछ लोगों ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि उदित राज कभी भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे थे।
मीडिया ने हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर के बयान को ग़लत तरीके से पेश किया। उन्होंने हरियाणा में सुधरते लिंगानुपात की बात करते हुए 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' की सफलता की चर्चा की। लेकिन कई मीडिया पोर्टल्स ने इसे इस तरह पेश किया जैसे खट्टर ने कश्मीर से लड़कियों को बहू बना कर लाने की बात कही हो।
पुलिस द्वारा मामले की सच्चाई का पर्दाफाश करने के बाद पता चल चुका है कि बच्चा जय श्री राम के नारे वाली बात झूठ बोल रहा है। वो अलग-अलग बयान दे रहा है। पुलिस के मुताबिक बच्चे को देखकर लग रहा है जैसे उसे किसी ने ये सारी बातें सिखाई हैं।
इस विडियो को शेयर करते हुए दावा किया गया है कि यह महिला अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की बेटी हैं, जो खासतौर पर हैदराबाद में ओवैसी के अस्पताल का दौरा करने गई थी।
खबर के साथ यह भी दावा किया गया है- "इस्लाम में न किसी को सताया जाता है और न ही किसी को मारा जाता है, बल्कि इस्लाम मज़हब शांति का मज़हब है और इसीलिए जो इसको क़ुबूल करता है वो इसकी कभी बुराई नहीं बल्कि अच्छे ही करता है।"
कई मौकों पर फैक्टचेकर ने जानबूझकर तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा ताकि अपने डेटाबेस में मुस्लिम पीड़ितों की संख्या बढ़ा सके। इसके लिए उसने उन मामलों को भी शामिल किया जहाँ पीड़ित और अपराधी दोनों ही मुस्लिम थे। कुछ ऐसे मामलों को भी हेट क्राइम डेटाबेस में महज इसलिए शामिल कर रखा है, क्यूँकि कथित तौर पर पीड़ित मुस्लिम और गुनहगार हिन्दू थे, जबकि बाद में ये मामले गलत साबित हो चुके हैं।
यह पहली बार नहीं है जब किसी सत्ता विरोधी और कॉन्ग्रेस-वादी, चाहे वो पत्रकार हो, लेखक हो, या फिर सोशल मीडिया पर दिन रात सरकार की नीतियों में 'मुस्लिम विरोधी नजरिया' तलाशने वाला कोई कॉन्सपिरेसी थ्योरी एक्टिविस्ट हो, ने अपनी गलती स्वीकार करने की जगह उल्टा अपने दुराग्रहों से दूसरों पर कीचड़ उछालने का काम किया हो।
TV9 भारतवर्ष द्वारा 'कॉन्ग्रेस-वादी' पत्रकार सुप्रिया भरद्वाज की एक ऐसी रिपोर्ट शेयर की गई जिसमें दावा किया गया था कि पीएम मोदी भूतपूर्व पीएम मनमोहन सिंह से मिलने उनके निवास पर गए थे। इस रिपोर्ट में इस मीटिंग की 'एक्सक्लूसिव' रिपोर्टिंग का भी दावा किया गया था।