Saturday, November 16, 2024

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कृषि कानून किसान खालिस्तान

‘भारत सरकार ने की है वादाखिलाफी, देश भर में जाएँगे’: राकेश टिकैत का नया ऐलान, खालिस्तान मुद्दे पर केजरीवाल का किया था समर्थन

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भारत सरकार पर किसानों का विश्वास तोड़ने का आरोप लगाते हुए फिर से देश भर में जाने का एलान किया है।

कभी ज़िंदा जलाया, कभी काट कर टाँगा: ₹60000 करोड़ का नुकसान, हत्या-बलात्कार और हिंसा – ये सब देश को देकर जाएँगे ‘किसान’

'किसान आंदोलन' के कारण देश को 60,000 करोड़ रुपए का घाटा सहना पड़ा। हत्या और बलात्कार की घटनाएँ हुईं। आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी।

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एक साल पहले जब किसान प्रदर्शनकारी दिल्ली के लिए निकले थे, तभी इस आंदोलन में खालिस्तानी तत्वों की उपस्थिति का स्पष्ट रूप से पता चल गया था।

हिंसक भीड़ के सामने झुकी सरकार या सुरक्षा के लिए उठाया गया कदम: आखिर PM मोदी ने क्यों वापस लिए कृषि कानून, जानिए अंदर...

कई लोग मान रहे हैं कि केंद्र सरकार सड़क पर उतर कर भीड़ और हिंसा के सहारे अपनी बात मनवाने की कोशिश करने वालों के सामने झुक गई है। अंदर के लोगों का कहना है कि आंतरिक सुरक्षा के लिए ये अनिवार्य था।

बिहारी-गुजराती-तमिल-कश्मीरी किसान हो तो डूब मरो… क्योंकि किसान सिर्फ पंजाबी-खालिस्तानी होते हैं, वही अन्नदाता हैं

वास्तविकता ये है कि आप इतने दिनों से एक ऐसी भीड़ के जमावड़े को किसान का आंदोलन कहते रहे। जिसकी परिभाषा वामपंथी मीडिया गिरोह और विपक्षियों ने गढ़ी और जिसका पूरा ड्राफ्ट एक साल पहले हुए शाहीन बाग मॉडल के आधार पर तैयार हुआ।

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