इस्लाम जहाँ है, समाचारों में है। भारत में कश्मीर, बंगाल होकर केरल तक समाचार माध्यमों में उसकी चर्चा अधिकतर नकारात्मक है और फ्रांस समेत ऐसा ही अन्य देशों में है।
10,000 गाड़ियाँ फूँकी, ₹1794 करोड़ का नुकसान हुआ, 307 इमारतों को जला दिया गया, लेकिन मीडिया ने कहा कि ये तो बेरोजगारी और नस्लवाद के खिलाफ था। फिर फ्रांस के PM को मौलानाओं से क्यों मिलना पड़ा था?
यूरोप ने खुल कर विदेशी घुसपैठियों को गले लगाया। मोरक्को की हार के बाद फ्रांस में दंगे हुए। अब पुस्तकालय जला दिया गया है। 830 साल पहले नालंदा विश्वविद्यालय को आगे के हवाले कर दिया गया था।