कॉन्ग्रेस MLA इमरान खेड़ावाला ने मंगलवार को ही गुजरात के मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री और गृह राज्यमंत्री से मुलाकात की थी। इमरान खेड़ावाला पिछले कई दिनों से मस्जिदों में छिपे तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की तलाश में जुटे हुए थे।
वकील प्रशांत भूषण ने 28 मार्च को अपने ट्विटर हेंडल से एक ट्वीट करते हुए लिखा था कि जबरन तालाबंदी के कारण करोड़ों लोग भूखे-प्यासे घर से चले जाते हैं, हमारे हृदयहीन मंत्री रामायण और महाभारत की अफीम का सेवन और भोजन करते हैं।
पुलिस ने दोनों आरोपितों के खिलाफ 'महामारी अधिनियम' के अंतर्गत मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। यह मामला सामने तब आया जब एक टिकटॉक यूजर ने इसका वीडियो टिकटॉक पर अपलोड कर दिया।
"वे सख्त कदम उठा रहे हैं और चाहते हैं कि ऐसे लोग सामने आएँ जो कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आए हैं। सबसे अच्छा तो यह है कि 'रेड जोंस' यानी ऐसे इलाके जहाँ से ज्यादा मामले आए हैं, में रहने वाले लोग अपने घरों से बाहर मत निकलें।"
26 तबलीगी जमात के सदस्यों को दरियापुर से लाकर सोला के सिविल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया गया था। जब मेडिकल टीम ने उनकी जाँच करने की कोशिश की, तो उन्होंने जाँच करवाने से मना करते हुए हँगामा खड़ा कर दिया। इनका आरोप था कि सरकार इन्हें जान से मारने की कोशिश कर रही है।
पुलिस द्वारा जारी बयान में बताया गया है कि इंस्पेक्टर आईबी अजमेरी और सब इंस्पेक्टर एसएस डरैया शुक्रवार को ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान दोनों आहवा कलेक्टर कार्यालय के निकट की मस्जिद में मौलवी और अन्य के साथ सामूहिक नमाज पढ़ने चले गए।