वीडियो में 5:30 से 5:40 तक आप सुन सकते हैं, जहाँ सीधा-सीधा हमला धर्म पर ही था- किसी विचारधारा, किसी राजनीतिक दर्शन या व्यक्ति पर नहीं, सीधे धर्म पर। और राजदीप सरदेसाई को उस पर मौन सहमति देते देखा जा सकता है। न कोई सवाल, न टोकना, न कोई स्पष्टीकरण। उनकी मूक सहमति ऐसे थी जैसे...
मोनीदीपा का स्पैम करार दिया लेख गैर-विवादास्पद था, जिसमें आपत्तिजनक शब्द ढूँढ़ना असंभव है। पहले ही अपनी कंटेंट मॉडरेशन टीम में वामपंथी झुकाव की बात स्वीकार चुके फेसबुक के हिन्दूफोबिया के अलावा किसी भी अन्य दृष्टिकोण से इसकी व्याख्या करना असंभव है।
फुरकान ने विवादस्पद और घृणा भरे ट्वीट में लिखा था कि अगर भारतीयों ने हिंदुत्व छोड़ दिया तो उनकी अधिकतर समस्याएँ ख़त्म हो जाएँगी। साथ ही उन्होंने हिन्दुओं को गोमूत्र पीने वाला और गोबर की पूजा करने वाला बताया था।
मज़े की बात यह कि 2001 में संघ के मुख्यालय पर तिरंगा फ़हराए जाने पर तालियाँ पीटने वाला वायर कश्मीर में तिरंगे की सम्प्रभुता पर उसी साँस में सवाल खड़े कर रहा है! दोगलेपन की ऐसी सानी मिलना मुश्किल है।
इरा त्रिवेदी अब लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रही हैं कि जिस ट्वीट में उन्होंने क़ुरान को प्रगतिशील और आधुनिक हिंदू धर्म को दकियानूसी बताया था, वह एक फ़ेक ट्वीट है। लेकिन लोगों ने न सिर्फ ओरिजनल ट्वीट का स्क्रीनशॉट दिखाया बल्कि डिलीट किए गए ट्वीट का लिंक भी दे मारा।
ऐसे आरोपों के उफनने का एक कारण यह है कि लिबरल गैंग के पास हिन्दुओं के खिलाफ बोलने के लिए और कोई आधार नहीं बचा है। न ही कोई हनुमान चालीसा पढ़ते हुए छाती पर बम बाँधकर धमाके कर रहा है, न ही ‘जय श्री राम’ बोलकर कहीं 26/11, 9/11 जैसे हमले कर रहा है।
अलेक्जेंडर दोर्किन को सज़ा देने और रूस में हिंदुओं की मदद के लिए संयुक्त राष्ट्र से मान्यता प्राप्त 12 बड़े NGO समर्थन में आए। नरेंद्र मोदी और एस जयशंकर को पत्र भेजकर ईसाई कट्टरपंथियों के बारे में बताया गया। इनके अनुसार, हिंदू धर्म मानव जाति के लिए सबसे घातक दर्शन है।
इरा द्वारा गोमांस के प्रचार को लेकर सामने आए विवाद के बाद उन्हें दूरदर्शन ने चौबीस घंटे घर पर योग करने की आजादी दे दी है। अब वो दूरदर्शन पर योग नहीं सिखा पाएँगी। हालाँकि, इस प्रकरण के बाद वो ट्विटर पर माफ़ी माँगती नजर आईं थी।
इरा ने कहा कि गोमांस कुपोषित लोगों के लिए प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इसलिए गोमांस पर प्रतिबंध लगाना अनुचित होगा, विशेष तौर पर मुस्लिम समुदाय के लिए। इरा के इन बयानों को लेकर कई लोग हैरत में पड़ गए। कुछ ने इरा को 'हिंदूफोबिक' कहा, तो कुछ ने दूरदर्शन से उनके एक कार्यक्रम के लिए होस्ट के रूप में चुनने को लेकर भी सवाल किया है।
धर्मगुरू श्री प्रकाश के अनुसार, उनके आश्रम और उनके घर को खोजकर उनके पास फ़र्ज़ी पत्रकारों को भेजा गया। उनके आश्रम में विरोधी लोग अनुयायी की शक्ल में आते, फ़र्ज़ी पत्रकार आश्रम और उनकी तस्वीरें लेते, वीडियो रिकॉर्डिंग करते और इस तरह आश्रम और धर्मगुरू के बारे में ग़लत प्रचार करते।