पता लगता है कि नासिक निवासीगण, विजयानंद थिएटर में जैक्सन के लिए विदाई समारोह का आयोजन करने वाले हैं। इसके बाद अनंत लक्ष्मण कन्हेरे उसे मार गिराने की जिम्मेदारी लेते हैं।
285 साल पहले हैदराबाद के निजाम के सामने मराठा ऐसी दीवार बनकर खड़े हुए कि इतिहास में शौर्य का एक नया अध्याय जुड़ गया। इसे बैटल ऑफ भोपाल के नाम से जानते हैं।
480 ईसापूर्व के अजंता की गुफाओं में 'चिकनकारी' जैसी कलाकृति है। 2500 साल पुरानी चन्द्रकेतुगढ़ की एक मूर्ति में ये है। राजा हर्षवर्धन इसके शौक़ीन थे। मुगलों को श्रेय क्यों?