Sunday, November 17, 2024

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History

महाराष्ट्र का ‘चाणक्य’ जिसने अंग्रेजों, निज़ाम, टीपू सबको बाँध कर रखा: इस चितपावन ब्राह्मण की कूटनीति का यूरोप ने भी माना लोहा, गुरु रामदास...

मराठा मंत्री नाना फडणवीस के बारे में कहा जाता है कि वो असाधारण बुद्धि के स्वामी थे और एक योद्धा न होने के बावजूद युद्धकला की समझ रखते थे।

केरल का वो इलाका, जहाँ रहते हैं 32 समुदाय के लोग और बोली जाती हैं 16 से अधिक भाषाएँ: जानिए अरबों से लेकर डचों...

केरल का मालाबार क्षेत्र प्राचीन काल से व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है। यहाँ पर अरब, सीरिया से लेकर लेबनान, यूनान और रोम तक व्यापार होता था।

5 सुल्तानों को परास्त किया, नदी में कूद भागी थी इस्लामी फ़ौज: सुबह घंटों व्यायाम करते थे सम्राट कृष्णदेवराय, बनवाए एक से बढ़ कर...

विजयनगर के बलशाली सम्राट कृष्णदेवराय तड़के सुबह उठ जाते थे और कई घंटों तक व्यायाम करते थे। घुड़सवारी करते थे और तलवारबाजी का भी कड़ा अभ्यास करते थे।

18 साल की उम्र में फाँसी पर चढ़ने वाले क्रांतिकारी: सावरकर भाइयों से प्रेरित हुए तो धधकी आज़ादी वाली आग, छद्म ‘वैदिक’ अंग्रेज कलक्टर...

पता लगता है कि नासिक निवासीगण, विजयानंद थिएटर में जैक्सन के लिए विदाई समारोह का आयोजन करने वाले हैं। इसके बाद अनंत लक्ष्मण कन्हेरे उसे मार गिराने की जिम्मेदारी लेते हैं।

‘हिन्दू विरोधी और क्रूर नहीं था औरंगजेब’: NCP नेता ने शरद पवार के भतीजे के बयान का किया समर्थन, अजित पवार ने कहा था...

NCP नेता जितेन्द्र अव्हाड ने कहा कि बहादुरगढ़ किले के पास एक विष्णु मंदिर था, अगर औरंगजेब क्रूर या हिंदू विरोधी होता तो वह उस मंदिर को भी तोड़ देता।

इस 26 जनवरी से दुरुस्त होगा इतिहास: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान का बिहार में बड़ा ऐलान, कहा- नई किताबों में बच्चों को देंगे...

पुस्तकों को सही तथ्यों के साथ फिर से प्रकाशित किया जा रहा है। नई पुस्तकें दुनिया को भारतीय इतिहास के बारे में स्पष्टता प्रदान करेंगी।

बैटल ऑफ भोपाल: जब निजाम-मुगल-नवाब-जय सिंह पर अकेले भारी पड़े मराठा, 70 हजार की फौज को धूल चटाई; 5 लाख रुपए दे निजाम और...

285 साल पहले हैदराबाद के निजाम के सामने मराठा ऐसी दीवार बनकर खड़े हुए कि इतिहास में शौर्य का एक नया अध्याय जुड़ गया। इसे बैटल ऑफ भोपाल के नाम से जानते हैं।

मुरब्बा-पटाखा के बाद ‘चिकनकारी’ भी हुआ मुगलों का, 2500 साल पुराने अजंता-चन्द्रकेतुगढ़ को भूले: राजा हर्ष भी कढ़ाई की इस कला के थे शौकीन

480 ईसापूर्व के अजंता की गुफाओं में 'चिकनकारी' जैसी कलाकृति है। 2500 साल पुरानी चन्द्रकेतुगढ़ की एक मूर्ति में ये है। राजा हर्षवर्धन इसके शौक़ीन थे। मुगलों को श्रेय क्यों?

पलायन से जूझते बिहार में आधी रात को रोती-कलपती स्त्रियों की आवाज़ बना जो ‘महानायक’… राम से शुरू हुई एक गरीब की यात्रा, जो...

इन्हें संभ्रांत वर्ग ने अपनाने में कोई खास रुचि नहीं दिखाई। आज भोजपुरी प्रदेश में ही आपको कई लोग ऐसे मिल जाएँगे, जो भिखारी ठाकुर को नहीं जानते हों।

‘ब्रेस्ट टैक्स का विरोध करते हुए महिला ने काट डाले थे अपने दोनों स्तन’: CJI ने कहा: जानें केरल की इस कहानी का सच,...

डीवाई चंद्रचूड़ ने नंगेली की उस कहानी का जिक्र किया जिसके अनुसार, एक दलित महिला ने 'स्तन कर' का विरोध करने के लिए अपने स्तनों को काट दिया। जानें सच।

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