Sunday, November 17, 2024

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EMISAT: शत्रु के रडार को पकड़ने में सक्षम भारत का इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सैटेलाइट

एमीसैट के अलावा PSLV C-4 लॉन्च वेहिकल द्वारा अमेरिका के 24, स्पेन का एक, लिथुआनिआ के दो और एक स्विट्ज़रलैंड का सैटेलाइट भी कक्षा में स्थापित किया गया।

कॉन्ग्रेसी राज के वो दिन, जब देश को मजबूत बनाने की सोचने वाले जिंदा नहीं बचते थे

मोदी विरोध के लिए देश की उपलब्धियों को झुठलाने वाली कॉन्ग्रेस व विपक्षी दल फिर कटघरे में हैं। आज नहीं कल, लोग उनसे हिसाब माँगेंगे और पूछेंगे कि देश को मजबूत बनाने वालों की संदिग्ध मौत और भारत को असुरक्षित बनाने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी के इतिहास में इतने ब्लैक होल क्यों हैं?

चंद्रयान 2 : चुनाव के बीच चाँद की धरती पर पहुँचेगा यान, ISRO की तैयारियाँ चरम पर

रोवर में छह पहिए हैं और इसका वजन 20 किलो बताया जा रहा है। पावर समस्या से बचने के लिए रोवर को सोलर पावर वाले उपकरणों से भी लैस किया गया है। जिससे रोवर की दूरी का सटीक पता लगाने में आसानी होगी।

एतना देर हो गया, सबूत नहीं माँगोगे ASAT से सेटेलाइट मार गिराने का?

इंतजार कीजिए, कोई मूर्ख नेता और धूर्त पत्रकार जल्द ही यह पूछेगा कि जो सेटैलाइट मार गिराया गया, उसका धुआँ तो आकाश में दिखा ही नहीं, उसके पुर्ज़े तो कहीं गिरे होंगे, उसका विडियो कहाँ है।

भारत के ‘गगनयान’ मिशन में सहयोग प्रदान करेगा अमरीका: बोले नासा के पूर्व अध्यक्ष

ISRO के अध्यक्ष (चेयरमैन) डॉ. के सिवन NASA के एडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्राइडनस्टान के साथ बात कर रहे हैं।

इसरो का ऐतिहासिक जंप: एक ही रॉकेट से 3 विभिन्न कक्षाओं में अलग-अलग सैटेलाइट करेगा स्थापित

रॉकेट सबसे पहले 763 Km की कक्षा में फिर उसके बाद 504 Km की कक्षा में और सबसे आखिरी में 485 Km की कक्षा में अलग-अलग सैटेलाइटों को स्थापित करेगी।

ISRO ने GSAT-31 लॉन्च कर रचा इतिहास, पिछले साल किए जा चुके हैं कई सफल परीक्षण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने बुधवार को सफलता पूर्वक जीसैट-31 उपग्रह को लाँच किया। इसरो ने यूरोपीय कंपनी एरियनस्पेस की प्रक्षेपण यान की...

अगर ‘JNU कांडियों’ और नम्बी नारायणन में से आप सिर्फ़ पहले वालों को जानते हैं, तो समस्या आपके साथ है

नम्बी नारायणन को प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अपनी डिग्री पूरी करने में मात्र 10 महीने लगे थे। मात्र 10 महीने? जेएनयू के ‘सेलेब्रिटी छात्रों’ ने अकेले टीवी स्टूडियो में ही 10 महीने से अधिक समय बिता दिया होगा।

छात्रों द्वारा महज़ 6 दिन में निर्मित विश्व के सबसे हल्के ‘कलामसैट’ की लॉन्चिंग के साथ इसरो ने रचा इतिहास

इस मिशन में भारतीय सेना के सैटेलाइट 'माइक्रोसैट' के साथ छात्रों का बनाया सबसे हल्क़ा सैटेलाइट 'कलामसैट' भी लॉन्च किया गया। कलामसैट इतना छोटा है कि इसे 'फेम्टो' श्रेणी में रखा गया है।

गगनयान भारत का पहला मानव मिशन, पायलट भी हो सकते हैं अंतरिक्ष यात्री

गगनयान मिशन को केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक बताते हुए इसके लिए 10,000 करोड़ रुपए का फंड जारी किया था

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