सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार, जिसने 14 फ़रवरी को CRPF के क़ाफ़िले में एक बस के आगे अपने विस्फोटक से भरे वाहन को उड़ा दिया था, वो आतंकवादी ख़ान के साथ लगातार संपर्क में था।
बड़ी खबर यह है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद का सरगना मसूद अजहर की मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार उसकी 2 मार्च 2019 को ही मौत हो गई थी।
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव दिया है। कूटनीतिक तौर इसे पर भारत की बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
क्या इमरान नहीं जानते कि जैश-ए-मोहम्मद के बाक़ायदा बोर्ड लगे हुए हैं पाकिस्तान में? फिर ये दोगलों जैसी बातें क्यों करता है इमरान? स्वीकार लो कि तुम एक नकारा प्रधानमंत्री हो, जिसके हाथ में न तो सत्ता है, न आर्मी है और न ही वो तमाम आतंकी जो तुम्हारी बात सुनते हों।
पाकिस्तानी सेना से संबंधित मारुति ईको लगभग आठ साल पहले कश्मीर में पंजीकृत की गई थी। इसका मालिक अभी भी लापता है। इसी इको से पुलवामा हमले को अंज़ाम दिया गया था।
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के बाद सुरक्षा बलों ने घाटी में चौकसी और पैनी कर दी थी। आतंकवादियों के ख़िलाफ़ ऑपरेशन का तेज़ी के साथ विस्तार कर दिया था।
पठानकोट और उरी हमला भी उसकी ही देन है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पर की कड़ी आलोचना करते हुए ओवैसी ने कहा कि वो टीवी के सामने बैठकर भारत को संदेश देना बंद करें और अपने बनावटीपन से बाहर आएँ।
जैश ने यह भी दावा किया है कि उसके पूर्व ऑपरेशनल कमांडर मोहम्मद वकास डार ने पिछले हफ़्ते राजौरी के नौशेरा सेक्टर में IED लगाई थी जिसमें सेना के मेजर चित्रेश बिष्ट की मृत्यु हो गई थी।
पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कड़ा रवैया अपनाते हुए कहा था कि जैश-ए-मोहम्मद के इस आत्मघाती हमले का जवाब देने के लिए सैन्य बलों को पूरी छूट दे दी गई है।