इस बेंच का नेतृत्व और कोई नहीं, खुद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ए एस ओका कर रहे थे। इसी बेंच ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या कारण है राज्य सरकार द्वारा पिछले चार साल से किए जा रहे आयोजन को रोकने का।
यासीन मलिक पर मुकदमा खुल चुका है, 84 के दंगों पर दोबारा केस खुला है, नेशनल हेराल्ड केस है, चिदंबरम हैं, अगस्ता-वेस्टलैंड है, रामजन्मभूमि है, एनडीटीवी का प्रणय रॉय है, क्विंट का राघव बहल है, 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट ने देखने का वादा किया है, अर्बन नक्सलियों पर मामले चल रहे हैं…
अपने 'बीच एक्टिविज़्म' के लिए शाह को 'चैंपियन ऑफ़ अर्थ' का ख़िताब संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम से मिल चुका है। शाह के अभियान ने वर्सोवा बीच की कायापलट कर दी।
सुप्रीम कोर्ट ने अभियुक्तों पर चल रहा 302 का हत्या का मुकदमा भी आईपीसी की धारा 304 खंड II (गैर-इरादतन हत्या) का कर दिया। उम्र कैद को बदल कर अब तक जेल में बिताए हुए समय के बराबर कर दिया।
जज वी चिताम्बरेश के अनुसार ब्राह्मण की विशेषताएँ 'स्वच्छ आदतें, उत्कृष्ट सोच, शानदार चरित्र, अधिकांशतः शाकाहारी होना, शास्त्रीय संगीत का पुजारी' होना है। उनके मुताबिक जब किसी व्यक्ति में यह गुण आ जाते हैं, तो वह ब्राह्मण हो जाता है।
हो सकता है अंजुमन इस्लामिया वालों को ‘फक योर सिस्टर’ का या ‘तेरी माँ मेरी रखैल’ आदि का मतलब मालूम न हो, लेकिन कोर्ट के जजों को तो ज़रूर पता होगा कि इन शब्दों से एक लड़की की ‘मोडेस्टी आउटरेज’ होती है। और यह क़ानूनन जुर्म है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न का दावा करते हुए दाखिल किए गए शपथपत्र को हास्यास्पद करार दिया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ बड़ी ताकतें अगले हफ्ते सुनवाई होने वाले महत्वपूर्ण मुकदमों से पहले उन्हें असहज करके न्यायपालिका को अस्थिर बनाना चाहती हैं।