कर्नाटक में इन दिनों खूब हलचल मची हुई है। सदन में आँकड़े की बात करें तो गठबंधन सरकार (कॉन्ग्रेस-जेडीएस) अल्पमत में आ चुकी है। सरकार समर्थित विधायकों की संख्या अब मात्र 104 रह गई है जबकि भाजपा को समर्थन देने वाले विधायकों की संख्या 105 हो गई है।
विधायकों का इस्तीफा ऐसे वक्त पर आया है, जब मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अमेरिका में हैं। वहीं इनमें से 3 विधायकों का कहना है कि वह पूर्व सीएम सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री देखना चाहते हैं।
अगर ये 11 विधायक इस्तीफा दे देते हैं, तो कुमारस्वामी सरकार खतरे में पड़ जाएगी और कॉन्ग्रेस-जेडीएस गठबंधन वाली कुमारस्वामी की सरकार गिर सकती है और ऐसे में राज्य में भाजपा के लिए राज्य में सरकार के गठन का रास्ता साफ हो जाएगा।
कर्नाटक में कॉन्ग्रेस के 2 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद से राज्य में सियासी हलचल तेज है। पहले बेल्लारी जिले के विजयनगर से कॉन्ग्रेस सांसद आनंद सिंह ने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। इसके बाद एक और कॉग्रेस विधायक रमेश जरकिहोली ने भी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया।
मुजाहिद को 15 दिनों तक पुलिस की हिरासत में रखा जाएगा। पूछताछ में पता चला कि मुजाहिद को जब इस बात की भनक लगी कि वो एआईटी स्कैनर की नज़र में है तो वो दुबई भागने की फिराक में था।
आनंद सिंह ने अपना इस्तीफ़ा ऐसे समय में दिया जब मुख्यमंत्री कुमारस्वामी भारत में न होकर अमेरिका में हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अन्य विधायक भी उनके नक्शेक़दम पर चल सकते हैं।
ज़मीर को 5 जुलाई से पहले जाँच टीम के समक्ष उपस्थित होकर पूछताछ में सहयोग करना होगा। दरअसल, ज़मीर ने चुनाव के दौरान दिए गए हलफनामे में आईएमए के भगोड़ा मैनेजिंग डायरेक्टर मंसूर ख़ान से 5 करोड़ रुपए की संपत्ति ख़रीदने की जानकारी दी थी।
प्रवर्तन निदेशालय अब मंसूर ख़ान के ख़िलाफ़ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया में जुट गया है। साथ ही उसके ख़िलाफ़ भगोड़े आर्थिक अपराध अधिनियम के तहत कार्रवाई करने की कोशिश में है। बता दें कि मंसजूर ख़ान ईद के बाद से ही फ़रार है, पुलिस शिद्दत से उसकी तलाश में जुटी हुई है।
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