'द इकनोमिक टाइम्स' की पत्रकार ने हिन्दू रीति-रिवाजों का अपमान करने की बात कही है। पत्रकार ने कहा कि हिन्दू रीति-रिवाजों का अपमान करना 'अभिव्यक्ति की आज़ादी' के अंतर्गत आता है। उन्होंने लिखा कि पेरियार की भूमि पर यह सब मान्य है।
राणा अय्यूब जैसे लोग हों या फिर स्क्रॉल जैसे मीडिया गिरोह, अलीगढ़ काण्ड में अपराधियों के नाम असलम और जाहिद होने के कारण उन सबका रोना यही है कि अपराध को साम्प्रदायिक रंग दिया जा रहा है। उन्हें समझना होगा कि यह सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जा रहा है, बल्कि जो जहर उन लोगों ने बोया था, ये उसी के रुझान देखने को मिल रहे हैं।
"राजाराज चोल के काल में सैकड़ों लड़कियों को वेश्यावृत्ति में ढकेल दिया गया। उनका शासनकाल अन्धकार का युग था। अगर हिन्दू गाय की पूजा करते हैं तो मैं उनके भगवान को खाने वाला व्यक्ति हूँ। सभी मठों की ज़मीनें छीन कर दलितों को दे देना चाहिए।"
स्व-घोषित फ़ैक्ट-चेकर वेबसाइट AltNews के सह-संस्थापक, जिसने हाल ही में अलीगढ़ में तीन साल की टीना (बदला हुआ नाम) की हत्या और संभावित बलात्कार के एक प्रमुख आरोपित असलम के अपराधों पर पर्दा डाला था, उसने ऑपइंडिया की रिपोर्ट को ख़ारिज और बदनाम करने का काम किया।
"अगर किसी वयस्क व्यक्ति के पास अपनी कोई तस्वीर है जो अश्लील है तो 1986 के अधिनियम 60 के प्रावधान तब तक उस पर लागू नहीं होंगे, जब तक उसे किसी अन्य उद्देश्य या विज्ञापन के लिए वितरित या प्रकाशित न किया जाए।"
"मुझे हमारी मीडिया से कोई आशा नहीं है। वो इन सारी घटनाओं को नहीं दिखाएगी। ऐसा इसीलिए, क्योंकि उन्हें ऊपर से आदेश है एक समुदाय विशेष को बुरे परिप्रेक्ष्य में दिखाने का।"
विश्व में यह अपनी तरह का पहला और एकमात्र मंदिर है जो कि ग्रेनाइट का बना हुआ है। यह अपनी भव्यता, वास्तुशिल्प और केन्द्रीय गुम्बद से लोगों को आकर्षित करता है। इस मंदिर को यूनेस्को ने विश्व धरोहर घोषित किया है।
गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया कि लोकसभा चुनाव के बाद भी हिंसा राज्य सरकार की नाकामी को बताती है।
पश्चिम बंगाल सरकार को दिए परामर्श में गृह मंत्रालय ने उनसे कानून व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक अमन बनाए रखने को कहा। गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पूरे मामले पर रिपोर्ट तलब भी किया है।
"लोगों को नियंत्रण रेखा और उस क्षेत्र के बारे में कोई समझ नहीं है। यही वजह है कि उन्हें लगता है कि भारत ने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ बड़ी कार्रवाई की थी। यह सब सिर्फ एक विशेष समुदाय के प्रति विरोध पैदा करने के लिए किया गया था।"
यह शर्मनाक घटना कानपुर की है, जहाँ के नौबस्ता थाना क्षेत्र स्थित मछरिया में मदरसा बना हुआ है। यहाँ मदरसे में बतौर मौलवी मोहम्मद जावेद ने परिसर में आने वाली 16 वर्षीय मासूम को अपनी हवस का शिकार बना डाला।