नाराजगी की बड़ी वजह उनके बेटे को मीडिया का उतना अटेंशन नहीं मिलना है। मांड्या लोकसभा सीट से उनके बेटे निखिल गौड़ा को जद(एस) की टिकट पर निर्दलीय उम्मीदवार एवं बहुभाषी अभिनेत्री सुमालता अंबरीश के खिलाफ उतारा गया है।
अब तक ₹3205.72 करोड़ की बरामदगी को सूचीबद्ध किया गया है। इसमें नकदी, शराब, ड्रग्स मादक पदार्थ, सोना और अन्य कीमती वस्तुएँ शामिल हैं। 2014 के चुनावों के मुक़ाबले नकद बरामदगी में इस बार अब तक 156.3% का इज़ाफ़ा हुआ है।
साध्वी प्रज्ञा के अलावा सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी, शशि थरूर, कम्युनिस्टों के चहेते कन्हैया कुमार और पप्पू यादव भी जमानत पर रिहा होकर भी चुनाव लड़ रहे हैं।
ऐसे राजनेताओं के लिए महिलाएँ आज भी ‘माल’ हैं। ऐसी गिरी मानसिकता पर जनता ने तो अपना आक्रोश व्यक्त किया ही। अब देखना है आगे चुनाव आयोग इस मुद्दे पर क्या निर्णय लेता है। वैसे लोगों ने चुनाव आयोग से इस बात का संज्ञान लेने की अपील की है।
कैप्टन की इस घोषणा में उनके हार का डर साफ-साफ झलक रहा है। उन्हें लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के जीत पर संदेह है और शायद वो चुनाव के परिणाम को लेकर भी थोड़े से डरे हुए लग रहे हैं।
भाजपा ने अब तक 437 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है, जबकि कॉन्ग्रेस ने 423 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की है। उत्तर-पूर्व की सभी राज्यों से कॉन्ग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में भी भाजपा सफल हुई है।
अतंरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके पहलवान नरसिंह यादव पर आरोप है कि वह उत्तर-मुंबई से कॉन्ग्रेस उम्मीदवार संजय निरुपम के लिए चुनावी प्रचार किया है।
बेगूसराय सीट पर होने जा रही टक्कर इस बार के आम चुनावों में इसलिए अधिक चर्चा में रही, क्योंकि गिरिराज सिंह को भाजपा के हिंदुत्व का चेहरा के तौर देखा जाता है, तो वहीं जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर 'देश द्रोही' होने का आरोप है।
मतदान के दिन राहुल गाँधी ने अपने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, 'भारत में लाखों युवा पहली बार मतदान करने जा रहे हैं। उनके हाथों में भारत का भविष्य है। मुझे विश्वास है कि वे हर भारतीय के लिए NYAY चाहते हैं और बुद्धिमानी से मतदान करेंगे। पहली बार मताधिकार का प्रयोग करने जा रहे युवाओं के साथ इस शार्ट फिल्म को शेयर करें।'