बात यह है कि हर मामले में खास मजहब का लड़का ही क्यों होता है? ईसाई या सिक्ख लड़के आखिर किसी हिन्दू लड़की को अपना नाम हिन्दू वाला बता कर प्रेम करते क्यों नहीं पाए जाते?
ऑपइंडिया के पास मौजूद SIT रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि यह ग्रूमिंग जिहाद के कुछ बेहद चर्चित मामले थे, जिनमें हिन्दू युवतियों को धोखा देकर उनके धर्मांतरण का प्रयास या उनका उत्पीड़न किया गया।
"सच कहें तो वैचारिक ‘लव जिहाद’ के कारण देश और हिंदुत्व का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। कश्मीर में पाक समर्थक, अनुच्छेद 370 प्रेमी महबूबा मुफ्ती से भाजपा ने सत्ता का निकाह किया, इसलिए इसे भी वैचारिक लव जिहाद क्यों न माना जाए?"
लव जिहाद कोई काल्पनिक राक्षस नहीं है। ये वीभत्स हकीकत है। मेरठ में हुआ प्रिया का केस शायद जैनब ने पढ़ा ही नहीं या निकिता के साथ जो तौसीफ ने किया उससे वो आजतक अंजान हैं।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 'लव जिहाद' को लेकर एक बड़े फैसले में अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। 'लव जिहाद' के लगातार सामने आ रहे मामलों को देखते हुए यूपी कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।