फुरकान अली के अनुसार उनके ऊपर लगे सभी आरोप फर्जी हैं। उनका मत है कि उनके स्कूल में सरस्वती वंदना भी करवाई जाती है, लेकिन चूँकि उनके स्कूल में 90 फीसद बच्चे मुस्लिम हैं तो उनके आग्रह पर इस्लाम की प्रार्थना करवाई जाती है।
"जब हमला हुआ तो हॉल में 17 छात्र थे। सभी सो रहे थे। हमलावर चुपचाप कमरे में पहुँचे और छात्र का गला रेतने के अलावा उसे चाकू घोंपा। आवाज़ें सुनकर एक दूसरा छात्र जाग गया और उसने मदद के लिए शोर मचाना शुरू किया तो हमलावरों को भागना पड़ा।"
कुछ लड़कियों ने चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर मदरसा प्रशासन के ख़िलाफ़ शोषण की शिकायत की। अनवर कराक्कड़ ने बताया कि पूछताछ में 1 लड़की ने बताया कि मौलवी रफीक ने उसका यौन उत्पीड़न किया। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मौलवी को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपित युसूफ पीड़िता के गाँव के एक मदरसे में मौलवी है। इस दौरान कई बार उसका खराब बर्ताव और हरकतें जाहिर होने पर ग्रामीणों ने उसे मदरसे से भगा दिया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपित को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मदरसों में गुलामों जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं बच्चे। मौलवी उनसे भीख मॅंगवा सालाना लाखों कमाते हैं। पैसा लेकर नहीं आने पर पीटते हैं। शिकायत करने पर धमकाते हैं। दीनी तालीम के नाम पर हो रहा है अमानवीय बर्ताव।
दीनी तालीम के नाम पर चल रहे मदरसों में गरीब लोग इस उम्मीद से अपने बच्चे भेज रहे कि वह बड़ा होकर इमाम बनेगा। पर मौलवी उनसे भीख मॅंगवा रहे। पैसा लेकर नहीं आने पर पीटते हैं। गुलामों की तरह रह रहे मदरसों के एक लाख बच्चों को मौलवियों से बचाएगा कौन?
सुलेमान अंसारी काफ़ी देर तक कैमरा चालू करके छात्राओं को कपड़े बदलते देखता रहा। इस बारे में पता चलने पर छात्राएँ सुलेमान अंसारी के पास पहुँची और विरोध जताया। लेकिन अंसारी ने उन्हें डराया-धमकाया कि अगर उन्होंने मुँह खोला तो वो मदरसे से उनका नाम काट देगा, उन्हें मदरसे से बाहर निकाल देगा।
2015 में मदरसों ने यह कहकर भोजन लेने से इनकार कर दिया था कि भोजन बनाने वाली संस्था इस्कॉन हिन्दुओं का धार्मिक संगठन है। उन्होंने आरोप लगाया था कि भोजन बनाने के बाद भगवान को भोग लगाया जाता है और गंगाजल मिलाकर स्कूलों में भेजा जाता है।
जम्मू में मदरसों को फिर से चालू कर दिया गया है। घाटी में भी कई सारे मदरसों को फिर से चालू कर दिया गया। इससे पहले राज्य के कई इलाकों में स्कूल-कॉलेजों को खोल दिया गया था।
पुलिस ने आरोपितों को संरक्षण देने के आरोप में तीन मदरसा संचालकों- मौलाना हफीउल्ला, कारी वासिफ व मौलवी असरफ हुसैन को भी गिरफ्तार कर लिया है। सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने मेडिकल परीक्षण के लिए भेज दिया है।